'इमरजेंसी' की टली रिलीज डेट तो कंगना रनौत ने कर डाली नई फिल्म की घोषणा, अब इन लोगों पर फिल्म बनाएंगी एक्ट्रेस

'इमरजेंसी' की रिलीज डेट टलने के बाद अब कंगना रनौत ने अपनी एक और फिल्म की घोषणा कर डाली है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
कंगना रनौत ने की नई फिल्म की घोषणा
नई दिल्ली:

कंगना रनौत इन दिनों अपनी फिल्म 'इमरजेंसी' को लेकर सुर्खियों में हैं. यह फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी लेकिन एक विवाद के चलते फिलहाल फिल्म की रिलीज को डाल दिया गया है. वहीं 'इमरजेंसी' की रिलीज डेट टलने के बाद अब कंगना रनौत ने अपनी एक और फिल्म की घोषणा कर डाली है. उनकी नई फिल्म का नाम 'भारत भाग्य विधाता' है, जो देशभक्ति की थीम पर आधारित होगी. कंगना रनौत अपनी इस फिल्म में देश के ‘गुमनाम नायकों'की कहानी कहेंगी.

एक्ट्रेस ने इस बात की जानकारी फ्लोटिंग रॉक्स एंटरटेनमेंट और यूनोइया फिल्म्स के आदि शर्मा के साथ एक संयुक्त इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर कर दी है. हालांकि 'भारत भाग्य विधाता' कब रिलीज होगी और इसकी शूटिंग कब होगी इसकी अभी तक घोषणा नहीं हो पाई है. बात करें कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' की तो पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार (2 सितंबर) को एक्ट्रेस और सांसद कंगना रनौत के डायरेक्शन में बनी उनकी आने वाली फिल्म 'इमरजेंसी' के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई की. 

Advertisement

अतिरिक्त सॉलिसिटर-जनरल सत्यपाल जैन ने याचिकाकर्ताओं को आश्वासन दिया कि मामले में सभी कानूनी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा. याचिकाकर्ताओं में से एक गुरिंदर सिंह ने कहा था कि फिल्म में ऐसे सीन हैं जो सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं. याचिकाकर्ताओं ने केंद्र सरकार और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को फिल्म का सर्टिफिकेट रद्द करने और 'अपमानजनक' दृश्यों को हटाने का निर्देश देने की मांग की.

Advertisement

उन्होंने अदालत से यह भी अनुरोध किया कि फिल्म की समीक्षा सिख बुद्धिजीवी वाले एक विशेषज्ञ पैनल द्वारा की जानी चाहिए. एएसजी जैन ने अदालत को सूचित किया कि सिनेमैटोग्राफ (प्रमाणन) नियम, 1983 के नियम 23 के तहत फिल्म का सर्टिफिकेशन अभी तक नहीं हुआ है. उन्होंने आश्वासन दिया कि सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 और 1983 के नियमों में निहित सभी जरूरी सावधानियां, जिनमें फिल्मों को सर्टिफाई करने के लिए गाइडलाइन शामिल हैं. भारत की संप्रभुता और अखंडता का हित, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों से अच्छे संबंध, सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता या नैतिकता, मानहानि या अदालत की अवमानना को ध्यान में रखा जाएगा.

Advertisement

उन्होंने कहा कि सीबीएफसी यह सुनिश्चित करेगा कि फिल्म का कंटेंट किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुंचाए. दलीलों का जवाब देते हुए, मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल की पीठ ने कहा, “अदालत ने यह भी पाया है कि फिल्म के सर्टिफिकेशन के बाद भी, किसी भी पीड़ित व्यक्ति के पास मामले को संशोधित करने के लिए बोर्ड से संपर्क करने का एक उपाय है. बोर्ड के सर्टिफिकेट की समीक्षा के लिए समिति, जिसे सिनेमैटोग्राफ (प्रमाणन) नियम, 1983 के नियम 24 के अनुसार निपटाया जाना है."

Advertisement
Featured Video Of The Day
Ravindra Jadeja Press Conference Row: Virat के बाद अब Australia Media ने जडेजा को बनाया निशाना