अपनी आने वाली हॉरर फिल्म मां के प्रमोशन के दौरान काजोल ने हैदराबाद के रामोजी फिल्म सिटी को लेकर चर्चा छेड़ दी है. उन्होंने कहा,उन्हें वहां बहुत बेचैनी होती है. हाल ही में ग्लाटा इंडिया के साथ एक बातचीत में काजोल ने अपने शूटिंग के अनुभवों को लेकर बात की. उन्होंने विशाल स्टूडियो परिसर को "दुनिया की सबसे प्रेतवाधित जगहों में से एक" बताया. उन्होंने कहा, "मैंने ऐसी जगह पर शूटिंग की है, जहां मुझे असहज महसूस होता था. मैं सो नहीं पाती थी. मेरे लिए, रामोजी फिल्म सिटी दुनिया की सबसे प्रेतवाधित जगहों में से एक है." हालांकि काजोल ने स्पष्ट किया कि उन्होंने पर्सनली वहां भूतों का सामना नहीं किया है, लेकिन भयानक माहौल ने उन पर एक गहरी छाप छोड़ी.
काजोल की यह वीडियो तुरंत वायरल हो गई, जिससे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं. हैदराबाद के लोगों और तेलुगु सिनेमा के फैंस ने काजोल की स्पष्टवादिता की सराहना की, जबकि अन्य ने आलोचना की. एक्स पर एक यूजर ने "झूठा दावा" बताया, जबकि दूसरे ने उन पर तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री के प्रति ईर्ष्या रखने का आरोप लगाया. एक यूजर ने लिखा, "काजोल द्वारा रामोजी फिल्म सिटी को दुनिया की सबसे प्रेतवाधित जगह कहना, एशिया या यहां तक कि दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म सिटी का अपमान है." नेटिज़ेंस ने यह भी बताया कि बाहुबली, पुष्पा और आरआरआर जैसी प्रमुख तेलुगु ब्लॉकबस्टर फिल्मों को बिना किसी अलौकिक घटना के रामोजी में फिल्माया गया था. उनके दावे से असहमति जताते हुए एक अन्य यूजर ने कहा, "काजोल के प्रति पूरे सम्मान के साथ, अगर रामोजी फिल्म सिटी वास्तव में हान्टेड होती, तो हर साल लाखों लोग इसे देखने नहीं आते. यह फिल्म पर्यटन में हैदराबाद का गौरव है."
हालांकि कई फैंस काजोल से सहमत थे. काजोल से सहमत एक यूजर ने कहा, “रामोजी फ़िल्म सिटी भूतिया और डरावनी है. मैं और मेरे कॉलेज के दोस्त एक डांस कॉम्पेटिशन के लिए वहीं रात भर रुके और हमें एक भयानक अनुभव हुआ, जिस पर उस समय किसी को भी विश्वास नहीं हुआ. मैं सुबह होने और वहां से बाहर निकलने का इंतज़ार नहीं कर सकता था. मैं तब से कभी वहां नहीं गया.
बता दें कि काजोल तापसी पन्नू, फ़िल्म निर्माता रवि बाबू, राशि खन्ना और निर्देशक सुंदर सी सहित कई मशहूर हस्तियों में शामिल हो गई हैं, जिन्होंने स्टूडियो परिसर से जुड़े भयानक अनुभवों को सार्वजनिक रूप से शेयर किया है. रामोजी फिल्म सिटी के निर्माण के बारे में कहा जाता है कि यह यह निज़ाम-युग के सैनिकों की कब्रों के ऊपर बनाई गई हैं.