40 साल तक हिंदी सिनेमा के लिए जां निसार अख्तर ने लिखे थे गाने, जानें उनके बारे में ये खास बातें

भारतीय साहित्य में जां निसार अख्तर काफी बड़ा नाम है. वह शानदार उर्दू शायर और गजलकार थे. जां निसार अख्तर ने अपनी बेहतरीन गजलों से खूब नाम कमाया था. इतना ही नहीं वह शानदार गीतकार भी थे.

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जां निसार अख्तर
नई दिल्ली:

भारतीय साहित्य में जां निसार अख्तर काफी बड़ा नाम है. वह शानदार उर्दू शायर और गजलकार थे. जां निसार अख्तर ने अपनी बेहतरीन गजलों से खूब नाम कमाया था. इतना ही नहीं वह शानदार गीतकार भी थे. जां निसार अख्तर ने लंबे समय तक हिंदी सिनेमा के लिए ढेर सारे अच्छे गाने लिखे जिन्हें आज भी सदाबहार कहा जाता है. जां निसार अख्तर का निधन 19 अगस्त 1976 हो मुंबई में हुआ था. उनकी पुण्यतिथि के मौके पर आज हम आपको उनसे जुड़ी खास बातों से रूबरू करवाते हैं.

हिंदी सिनेमा के लिए दिग्गज गजलकार ने करीब 4 दशक तक काम किया. इस दौरान जां निसार अख्तर ने हिंदी सिनेमा के कई बड़े संगीतकारों के साथ काम किया. अपने चार दशक के करियर में जां निसार अख्तर ने सी. रामचंद्र, ओपी नैयर, एन दत्ता और खय्याम सहित कई शानदार संगीतकारों के साथ काम किया था. अपने इस पूरे करियर में उन्होंने करीब 151 गाने लिखे थे. उन्होंने फिल्म यास्मिन (1955) सीआईडी (1956), नया अंदाज (1956) और प्रेम पर्वत (1974) सहित कई फिल्मों के लिए गाने लिखे थे.

कहा जाता है कि जां निसार अख्तर का शायरी और गजल की दुनिया में कोई भी पथप्रदर्शक नहीं था, बावजूद इसके उन्होंने उर्दू और हिंदी साहित्य में अपनी अमिट छाप छोड़ी. जां निसार अख्तर ग्वालियर के रहने वाले थे. शायरी के साथ वह नौकरी करते थे, लेकिन उन्हें फिल्मों के लिए लिखने की इच्छा थी तो वह अपनी नौकरी छोड़ मुंबई आ गए. अपने लेखक दोस्तों के साथ उन्होंने फिल्मों के लिए गाने लिखने के लिए को काफी संघर्ष किया, जिसके बाद उन्होंने सबसे पहले फिल्म यास्मिन के लिए गाने लिखने का मौका मिला. इसके बाद जां निसार अख्तर ने हिंदी सिनेमा की कई फिल्मों में शानदार गाने लिखे. 

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