बॉलीवुड में एक दौर ऐसा था भी जब एनएसडी से एक्टिंग के सबक सीख कर निकले एक्टर्स की तादाद बहुत ज्यादा थी. अपनी एक अदद पहचान बनाने के लिए अधिकांश एक्टर्स संघर्ष कर रहे थे. जिन्हें जितनी फीस मिल जाए, उतने में ही काम करना मंजूर था. रोल पाने की खातिर एक्टर्स अपना खुद का सामान लाने के लिए भी तैयार रहते थे. ऐसी ही एक कल्ट कॉमेडी मूवी थी. जिससे जुड़े कई किस्से हैं जो हैरान करने वाले हैं. इस फिल्म में काम करने वाले अधिकांश कलाकार स्ट्रग्लिंग एक्टर्स थे. जिनकी फीस चंद हजार रुपयों तक सिमटी हुई थी. ऐसे ही एक सितारे नसीरुद्दीन शाह भी थे. जिन्हें फीस जो मिली सो मिली पर अपना कैमरा गंवाना पड़ा.
चंद हजार रुपये में किया काम
ये फिल्म थी जाने भी दो यारों. जो अपने दौर की एक शानदार कॉमेडी मूवी है. इस कॉमेडी मूवी के जरिए उस दौर के बिल्डिंग माफिया और दूसरे माफिया का मखौल उड़ाया गया था. इसके लिए एक कसी हुई कॉमिक स्क्रिप्ट चुनी गई थी. फिल्म में नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, सतीश शाह, सतीश कौशिक, रवी बसवानी, पंकज कपूर और विधु विनोद चोपड़ा जैसे कई कलाकार थे. ये सभी उस दौर के स्ट्रग्लिंग आर्टिस्ट का एक ढेर था जो बस अच्छे रोल की तलाश में थे. उसके लिए कुछ भी करने को तैयार थे. इस फिल्म के लिए सभी को तीन से पांच हजार रुपये फीस ही दी गई. सिर्फ नसीरूद्दीन शाह ऐसे कलाकार थे जिन्हें 15 हजार रुपये की फीस दी गई थी.
फिल्म से जुड़ी बुरी याद
इस फिल्म से जुड़े कई दिलचस्प किस्से हैं. फिल्म को उस वक्त काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. कहा जा रहा था कि फिल्म में कोई लॉजिक नहीं है. लेकिन उस कॉमेडी का मैजिक ऐसा चला कि लोगों ने फिल्म को खूब प्यार दिया. लॉजिकविहीन फिल्मों के कुछ हिस्सों से नसीरुद्दीन शाह भी खुश नहीं थे. लेकिन फिल्म में वो जान लगाकर काम कर रहे थे. अपने रोल की खातिर वो खुद अपने घर से अपना निकॉन का कैमरा भी लेकर आते थे. जो फिल्म की शूटिंग खत्म होते होते चोरी हो गया था. इस बुरी याद का जिक्र नसीरुद्दीन शाह बहुत बार कर भी चुके हैं.