80 की उम्र में किया सपना सच, उत्तराखंड के दो बुजुर्ग कलाकारों ने रच दिया इतिहास

इन्होंने कभी लाइफ में एक्टिंग नहीं की थी. ना कोई फिल्म एक्सपीरियंस था. फिर भी नेशनल अवॉर्ड विनिंग फिल्म मेकर विनोद कापरी ने इन दोनों को चुना. अपनी फिल्म में काम करने का मौका दिया.

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80 की उम्र में उत्तराखंड के दो बुजुर्ग कलाकारों ने रच दिया इतिहास
नई दिल्ली:

उत्तराखंड के छोटे से गांव से निकली एक बहुत ही इमोशनल और इंस्पायरिंग स्टोरी आज पूरी दुनिया में गूंज रही है. 80 साल के रिटायर्ड इंडियन आर्मी सोल्जर पदम सिंह कापड़ी और 70 साल की फार्मर हीरा देवी को 25वें न्यूयॉर्क इंडियन फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट एक्टर और बेस्ट एक्ट्रेस के लिए नॉमिनेट किया गया है. और, ये हुआ है उनकी पहली फिल्म पायर के लिए. खास बात ये है कि फिल्म के दोनों ही कलाकारों को एक्टिंग से जुड़ा कोई बैकग्राउंड नहीं है. मतलब इन्होंने कभी लाइफ में एक्टिंग नहीं की थी. ना कोई फिल्म एक्सपीरियंस था. फिर भी नेशनल अवॉर्ड विनिंग फिल्म मेकर विनोद कापरी ने इन दोनों को चुना. अपनी फिल्म में काम करने का मौका दिया. उनकी ये फिल्म बेस्ड है एक रियल स्टोरी पर. और, अब कमाल देखिए कि ये दो सीनियर सिटिजन्स अब इंटरनेशनल अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेट हो चुके हैं.  


दोनों के अपने अपने संघर्ष
पदम सिंह कापड़ी वो शख्स हैं जो अभी कैंसर से लड़ रहे हैं. वो इंडियन आर्मी से रिटायर्ड सोल्जर भी हैं. और, हीरा देवी भी एक किसान हैं. दोनों ही उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के बेरीनाग तहसील से आते हैं. इनकी कहानी, इनका प्यार, और इनका स्ट्रगल इतना सच्चा और दिल छू लेने वाला था कि विनोद कापड़ी ने उसी पर फिल्म बना डाली.


फिल्म पायर को दुनिया भर में सराहा जा रहा है. ये फिल्म एक ऐसी लव स्टोरी जो एक डाइंग लैंड में अनडाइंग लव को दिखाती है. इस फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर हुआ था 28वें टालिन ब्लैक नाइट्स फिल्म फेस्टिवल में.  इस फिल्म फेस्टिवल में इसे बेस्ट फिल्म ऑडियंस अवॉर्ड मिला. इसके अलावा 16वें बेंगलुरू इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में स्पेशल ज्यूरी अवॉर्ड और 24वें इमेजिन इंडिया इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में छह नॉमिनेशन्स मिल चुके हैं– जिनमें बेस्ट फिल्म और बेस्ट डायरेक्टर भी शामिल हैं.


इन्हें भी मिल चुका है अवॉर्ड
पिछले साल जयदीप अहलावत और सान्या मल्होत्रा को इसी फेस्टिवल में थ्री ऑफ अस और मिसेज के लिए अवॉर्ड्स मिले थे. लेकिन इस बार की कहानी सच में अलग है, क्योंकि ये पहली बार है जब दो 80 साल के नॉन एक्टर्स को इस लेवल पर रिकग्निशन मिला है.


डायरेक्टर विनोद कापड़ी ने कहा, ‘ये एक फेयरी टेल जैसा है. यकीन करना मुश्किल है पर बहुत स्पेशल फील हो रहा है. न्यू यॉर्क का ये फेस्टिवल अमेरिका का एक बहुत ही प्रेस्टीजियस फिल्म फेस्ट है, और हमारे लिए ये बहुत बड़ा ऑनर है.'
फिल्म का म्यूजिक दिया है Mychael Danna ने. जिन्होंने लाइफ ऑफ पाई के लिए ऑस्कर जीता था. जर्मन एडिटर Patricia Rommel, जो द लाइव्स ऑफ अदर्स और द टूरिस्ट जैसी इंटरनेशनल फिल्मों से जुड़ी रही हैं. उन्होंने इस फिल्म को एडिट किया है. और सबसे स्पेशल बात– गुलजार साहब ने फिल्म के लिए एक गाना भी लिखा है.
25वां न्यूयॉर्क इंडियन फिल्म फेस्टिवल 20 जून से 23 जून के बीच होने वाला है. उम्मीद करते है कि पदम सिंह और हीरा देवी की ये जर्नी ना सिर्फ इंडिया में बल्कि पूरी दुनिया में एक इंस्पिरेशन बने. 

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