इंडियन इन्फ्लुएंसर गवर्निंग काउंसिल की बैठक, भारत का पहला साप्ताहिक इन्फ्लुएंसर रेटिंग्स लॉन्च!

12 अप्रैल को मुंबई में आयोजित इंडियन इन्फ्लुएंसर गवर्निंग काउंसिल (IIGC) की बैठक ने क्रिएटर अर्थव्यवस्था में बदलाव और इसमें क्रिएटर्स व ब्रांड्स की अहम भूमिका को दर्शाया.

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इंडियन इन्फ्लुएंसर गवर्निंग काउंसिल की बैठक
नई दिल्ली:

12 अप्रैल को मुंबई में आयोजित इंडियन इन्फ्लुएंसर गवर्निंग काउंसिल (IIGC) की बैठक ने क्रिएटर अर्थव्यवस्था में बदलाव और इसमें क्रिएटर्स व ब्रांड्स की अहम भूमिका को दर्शाया. इस आयोजन में यूनिलीवर, सीके बिरला ग्रुप, इस्प्रावा, स्पाइकर, पॉलीकैब, वर्मोरा, लोकमत, कोटक महिंद्रा बैंक, पब्लिसिस ग्रुप, एचडीएफसी एर्गो, टाटा कैपिटल, आईटीसी जैसे बड़े ब्रांड्स और उद्योग जगत के नेता शामिल हुए. 

इन्फ्लुएंसर समुदाय से सुषांत दिवगीकर उर्फ रानी कोहनूर, अभिनेता खालिद सिद्दीकी, हरप्रीत सूरी, दामिनी चोपड़ा, श्वेता रोहिरा, किन्नारी जैन, प्रेरणा सिन्हा, श्रेया गौतम, रितिक महाजन जैसे कई नामी क्रिएटर्स ने इस शाम को रोमांचक बना दिया. यह आयोजन एक शानदार विचार-मंथन सत्र बन गया. इस मौके पर IIGC ने इंडियन इन्फ्लुएंसर रेटिंग्स की शुरुआत की, जो भारत में पहली बार शुरू होने वाली साप्ताहिक सूची है. यह सूची प्रभावशाली इन्फ्लुएंसर्स और ब्रांड अभियानों को उजागर करती है. 

IIGC के चेयरमैन साहिल चोपड़ा ने कहा, "भारत में इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग तेजी से बदल रही है. इंडियन इन्फ्लुएंसर रेटिंग्स जैसे उपकरण से इस क्षेत्र में और पारदर्शिता, विश्वसनीयता और संरचना आएगी. यह सूची न केवल वायरल कंटेंट को दिखाएगी, बल्कि ओरिजिनल, निरंतर और वास्तविक प्रभाव वाले क्रिएटर्स को भी सम्मानित करेगी."

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हर हफ्ते इंडियन इन्फ्लुएंसर रेटिंग्स चार श्रेणियों में 20 विजेताओं को चुनेगी, जिनका चयन IIGC की टीम डेटा और गहन विश्लेषण के आधार पर करेगी. ये श्रेणियां हैं:  
- ट्रेंडसेटर्स: ऐसे क्रिएटर्स जो अन्य क्रिएटर्स को प्रेरित करते हैं.  
- अंडरडॉग्स: तेजी से बढ़ता फैन बेस रखने वाले उभरते सितारे.  
- डोन्ट डू दैट: कोड ऑफ स्टैंडर्ड्स के उल्लंघन को दर्शाने वाली चेतावनी सूची.  
- ब्रांड इन्फ्लुएंस: कहानी और जुड़ाव में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले ब्रांड्स.  

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रानी कोहनूर (सुषांत दिवगीकर), जो एक इन्फ्लुएंसर, अभिनेता और मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं, ने कहा, "यह पहली बार है जब यह मायने नहीं रखता कि कौन सबसे तेज चिल्लाया, बल्कि यह कि किसने सबसे ज्यादा प्रभाव डाला. इंडियन इन्फ्लुएंसर रेटिंग्स में शामिल होना उन क्रिएटर्स के लिए विश्वसनीयता लाएगा जो अपने काम में दिल लगाते हैं." आयोजन में IIGC के हाल ही में लॉन्च किए गए कोड ऑफ स्टैंडर्ड्स पर भी चर्चा हुई. ब्रांड्स और क्रिएटर्स ने इसे समय की जरूरत बताया और इसकी खूब तारीफ की. क्रिएटर्स ने एक ऐसे संगठन की जरूरत पर जोर दिया जो क्रिएटर समुदाय को मार्गदर्शन और सशक्तिकरण दे. 

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सीके बिरला ग्रुप की सीएमओ दीपाली नायर ने कहा, "किसी भी काउंसिल में सबसे जरूरी है साझेदारी, जो इस पारिस्थितिकी तंत्र को सफल बनाती है. यह पहली बार है जब इन्फ्लुएंसर्स, ब्रांड्स, मार्केटर्स और उपभोक्ता एक साथ आए हैं. कोड ऑफ स्टैंडर्ड्स में केवल विश्लेषण नहीं, बल्कि आत्मा भी है. यह काउंसिल इन्फ्लुएंसर उद्योग और क्रिएटर अर्थव्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक कदम है." IIGC जल्द ही क्रिएटर्स और ब्रांड्स के लिए सदस्यता, वर्कशॉप, सर्टिफिकेशन प्रोग्राम और प्लेटफॉर्म साझेदारी शुरू करेगा, ताकि नैतिक प्रभाव को बढ़ावा देने में मदद मिले.

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