क्या आप यकीन कर सकते हैं कि 1960 के दशक में एक फिल्म के एक गाने की कीमत पूरी फिल्म से ज्यादा थी? यह सच है और यह हुआ था बॉलीवुड की मशहूर फिल्म मुगल-ए-आजम में! यह फिल्म अपनी शानदार सजावट, खूबसूरत कपड़ों और गहरी कहानी के लिए जानी जाती है. लेकिन इसका एक गाना, “प्यार किया तो डरना क्या”, ने इतिहास रच दिया. इस गाने के लिए निर्माताओं ने एक बड़ा आलिशान महल बनाया, जिसे शीश महल कहा गया. यह सेट 150 फीट लंबा, 80 फीट चौड़ा और 35 फीट ऊंचा था. इसे बनाने में दो साल लगे और इसकी उस वक्त कीमत थी 15 लाख रुपये. आज के समय में यह रकम करीब 55 करोड़ रुपये के बराबर है! सोचिए, सिर्फ एक गाने पर इतना खर्च!
जब इस गाने की शूटिंग शुरू हुई, तो कैमरे की रोशनी शीशों से टकराकर वापस आ रही थी, जिससे फिल्मांकन मुश्किल हो गया. हॉलीवुड के विशेषज्ञों को बुलाया गया, लेकिन वे भी मदद नहीं कर पाए. टीम ने सेट तोड़ने तक का सोचा. लेकिन फिर भारतीय कैमरामैन आर.डी. माथुर ने एक ऐसा कोना ढूंढ निकाला जहां रोशनी का प्रतिबिंब नहीं पड़ता था. इस तरह गाना बच गया! गाने के बोल को 105 बार बदला गया, तब जाकर संगीतकार नौशाद ने इसे पसंद किया. उस समय इको इफेक्ट की तकनीक नहीं थी, इसलिए नौशाद ने लता मंगेशकर से बाथरूम में गाना गवाया ताकि गाने में गूंज का असर आए. यह अनोखा विचार था, लेकिन काम कर गया!
पूरी फिल्म बनाने में 1.5 करोड़ रुपये खर्च हुए, जो उस समय बहुत बड़ी रकम थी. कपड़े दिल्ली से, गहने हैदराबाद से मंगवाए गए, और फिल्म में 2000 ऊंट और 4000 घोड़े भी इस्तेमाल किए गए. 60 साल बाद भी मुगल-ए-आजम को भारत की सबसे शानदार और खूबसूरत फिल्मों में गिना जाता है.