Holi Shayari: हम से नजर मिलाइए होली का रोज है, तीर-ए-नजर चलाइए होली का रोज है, शायरी से कहें होली मुबारक

Holi Shayari: होली मुबारक कहने का मौका आ गया है. होली के रंगों की फुहार हर ओर है. लेकिन होली के रंगों के इस मौके को शायरी के जरिये और भी हसीन बना सकते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
Happy Holi 2024: होली पर पढ़ें शानदार शायरी
नई दिल्ली:

होली कब है? यह मशहूर डायलॉग शोले फिल्म का है. तो हम बताए देते हैं कि इस साल 25 मार्च की होली है. इस दिनों पूरी फिजाओं में रंगों की बहार होगी. फिर वह चाहे प्रकृति में बिखरे रंगे हो या फिर जिंदगी को गुलजार करते रंग. होली का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. रंगों के साथ ही शब्दों की चुहलबाजी भी इस त्योहार में खूब देखने को मिलती है. पानी वाले रंगों से लेकर गुलाल तक से होली खूब खेली जाती है. लेकिन होली के मौके शायरी हो जाए तो बात ही क्या है. होली की बधाई अगर शायरी के जरिये हो जाए तो क्या कहने. वैसे भी एक दौर था जब होली के मौके पर हास्य कवि सम्मेलनों का आयोजन होता था और दूरदर्शन पर भी हास्य कवि सम्मेलन आया करते थे. होली के मौके पर हम आपके लिए होली शायरी लेकर आए हैं. 

हम से नज़र मिलाइए होली का रोज़ है 
तीर-ए-नज़र चलाइए होली का रोज़ है 
जूलियस नहीफ़ देहलवी

मुहय्या सब है अब अस्बाब-ए-होली
उठो यारो भरो रंगों से झोली
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम

ग़ैर से खेली है होली यार ने 
डाले मुझ पर दीदा-ए-ख़ूँ-बार रंग 
इमाम बख़्श नासिख़

सजनी की आँखों में छुप कर जब झाँका 
बिन होली खेले ही साजन भीग गया 
मुसव्विर सब्ज़वारी

मुँह पर नक़ाब-ए-ज़र्द हर इक ज़ुल्फ़ पर गुलाल 
होली की शाम ही तो सहर है बसंत की 
लाला माधव राम जौहर

मौसम-ए-होली है दिन आए हैं रंग और राग के 
हम से तुम कुछ माँगने आओ बहाने फाग के 
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी

Advertisement

साक़ी कुछ आज तुझ को ख़बर है बसंत की 
हर सू बहार पेश-ए-नज़र है बसंत की 
उफ़ुक़ लखनवी

गले मुझ को लगा लो ऐ मिरे दिलदार होली में 
बुझे दिल की लगी भी तो ऐ मेरे यार होली में 
भारतेंदु हरिश्चंद्र

Advertisement

बादल आए हैं घिर गुलाल के लाल 
कुछ किसी का नहीं किसी को ख़याल 
रंगीन सआदत यार ख़ाँ

Featured Video Of The Day
Maharashtra Politics: BJP और Shiv Sena के बीच शीत युद्ध? | NDTV India | Eknath Shinde