'मालगुडी डेज' के इस किरदार के लिए आज भी याद किए जाते हैं गिरीश कर्नाड, जन्मदिन पर सामने आई थ्रोबैक तस्वीर

महज 22 साल की उम्र में गिरीश ने अपनी पहली किताब लिखी. इस कमाल के कलाकार को दूरदर्शन के जमाने में प्रसारित होने वाले धारावाहिक मालगुडी डेज के लिए आज भी याद किया जाता है.

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गिरीश कर्नाड

पद्मश्री, पद्म भूषण और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित एक्टर गिरीश कर्नाड एक शानदार लेखक और डायरेक्टर भी थे. महाराष्ट्र के माथेरान में 19 मई 1938 में जन्में गिरीश बॉलीवुड और दक्षिण भारतीय सिनेमा का जाना-माना नाम थे. कन्नड़ के साथ ही हिंदी पर कमाल की पकड़ रखने वाले गिरीश ने ‘निशांत' और ‘मंथन' जैसी शानदार फिल्मों में काम किया था. महज 22 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पहली किताब लिखी. इस कमाल के कलाकार को दूरदर्शन के जमाने में प्रसारित होने वाले धारावाहिक मालगुडी डेज के लिए आज भी याद किया जाता है. आज उनके जन्मदिन पर मालगुडी डेज के शूटिंग के दौरान की एक थ्रोबैक तस्वीर ट्विटर पर सामने आई है

‘मालगुड़ी डेज' थ्रोबैक फोटो आई सामने

ट्विटर पर शेयर हुई तस्वीर में गिरीश कर्नाड, मास्टर मंजुनाथ को गोद में लिए खड़े हैं. आर के नारायणन की बुक पर आधारित धारावाहिक ‘मालगुड़ी डेज' में गिरीश ने नटखट स्वामी के पिता की भूमिका निभाई थी. दूरदर्शन के जमाने के इस सीरियल की आज भी चर्चा होती है. हर सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय बेबाकी से रखने वाले गिरीश ने 1970 में कन्नड़ फिल्म ‘संस्कार' से एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी. उनकी पहली ही मूवी को राष्ट्रपति का गोल्डन लोटस पुरस्कार मिला था.

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ये थी आखिरी फिल्म
कन्नड़ भाषा की फिल्मों में बेहतरीन अभिनय से अपना लोहा मनवा चुके गिरीश ने साल 1975 में ‘निशांत', 1976 में ‘मंथन' जैसी फिल्मों में काम कर ये साबित कर दिया कि कला को भाषा की सीमा में नहीं बांधा जा सकता है. इसके बाद गिरीश ने कई सारी बॉलीवुड फिल्मों में काम किया लेकिन उन्हें आज भी ‘मालगुड़ी डेज' के लिए याद किया जाता है. 10 जून 2019 को उनका निधन हो गया. साल 2017 में आई फिल्म ‘टाइगर जिंदा है' में डॉक्टर शेनॉय का किरदार निभाने वाले गिरीश की ये आखिरी फिल्म थी. 

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