3 लाख लोगों के साथ इस फिल्म की हुई शूटिंग, भारत सरकार ने भी बजट में दिया पैसा, फिल्म ने बनाया था वर्ल्ड रिकॉर्ड

क्या आप जानते हैं कि एक फिल्म ऐसी है जो आज भी विश्व रिकॉर्ड रखती है, और इसमें कोई कंप्यूटर इफेक्ट्स इस्तेमाल नहीं हुए थे? यह फिल्म भारत के इतिहास पर आधारित है और इसने कुछ ऐसा किया जो आज तक कोई दूसरी फिल्म नहीं कर पाई.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
3 लाख लोगों के साथ इस फिल्म की हुई शूटिंग, भारत सरकार ने भी बजट में दिया पैसे
नई दिल्ली:

आज की फिल्में पहले से कहीं ज्यादा भव्य हैं. बड़े बजट, शानदार स्पेशल इफेक्ट्स और आधुनिक तकनीक के साथ भारतीय और वैश्विक सिनेमा तेजी से बढ़ रहा है. हम स्क्रीन पर विशाल युद्ध, उड़ते सुपरहीरो और भारी भीड़ देखते हैं. ये सब वीएफएक्स और सीजीआई की मदद से बनाए जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक फिल्म ऐसी है जो आज भी विश्व रिकॉर्ड रखती है, और इसमें कोई कंप्यूटर इफेक्ट्स इस्तेमाल नहीं हुए थे? यह फिल्म भारत के इतिहास पर आधारित है और इसने कुछ ऐसा किया जो आज तक कोई दूसरी फिल्म नहीं कर पाई.

साल 1982 में रिलीज हुई फिल्म गांधी, जिसे रिचर्ड एटेनबरो ने निर्देशित किया था, ने इतिहास रच दिया. इस फिल्म में एक सीन था जिसमें महात्मा गांधी के अंतिम संस्कार को दिखाया गया. इस सीन को वास्तविक और प्रभावशाली बनाने के लिए बहुत सारे लोगों की जरूरत थी. यह शूटिंग 31 जनवरी 1981 को दिल्ली में हुई, ठीक 33 साल बाद जब गांधी जी का असली अंतिम संस्कार हुआ था. फिल्म गांधी की टीम ने 94,560 पैसे लेकर काम करने वाले लोगों और 200,000 से ज्यादा स्वयंसेवकों को इकट्ठा किया. अभिनेता बेन किंग्सले, जिन्होंने गांधी जी का किरदार निभाया, चुपचाप रहे, जबकि हजारों लोग उनके आसपास चले. यह सीन सच्ची भावनाओं से भरा था. कोई ट्रिक नहीं, कोई ग्रीन स्क्रीन नहीं.

हालांकि यह सीन सिर्फ दो मिनट का था, लेकिन इसे तैयार करने और फिल्माने में बहुत मेहनत लगी. भारतीय सेना और कई स्थानीय समूहों ने भीड़ को नियंत्रित करने में मदद की. ग्यारह कैमरा टीमों ने इस सीन को शूट किया, और निर्देशक ने हर चीज को बिल्कुल सही रखा. इस सीन ने सबसे ज्यादा लोगों को एक फिल्म में शामिल करने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. एक रिकॉर्ड जो आज तक कोई नहीं तोड़ पाया. इतना ही नहीं गांधी फिल्म के एक तिहाई बजट का हिस्सा भारतीय सरकार ने दिया था. आजकल ज्यादातर भीड़ वाले सीन सीजीआई से बनाए जाते हैं, लेकिन गांधी ने दिखाया कि असली लोग एक फिल्म को और भी शक्तिशाली और सच्चा बना सकते हैं. यह सिर्फ एक सीन नहीं था. यह गांधी जी के जीवन को श्रद्धांजलि थी. इतने सालों बाद भी, सिनेमा का यह पल कुछ खास और यादगार है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Defence Budget को लेकर बड़ी खबर, बजट बढ़ाने का प्रस्ताव आएगा | Operation Sindoor | Khabron Ki Khabar