पर्दे पर जल्द बंगाल की एक ऐतिहासिक घटना पर दिखने वाली है. जिसमें बंगाल के इतिहास में सबसे बड़ी सांप्रदायिक हिंसा देखने को मिलेगी. 16 अगस्त, 1946 की दर्दनाक घटनाओं पर आधारित फिल्म 'मां काली' की घोषणा कर दी गई है. यह फिल्म बंगाल की फैमिली की एक कहानी कहती है. जिसे सांप्रदायिक हिंसा काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. 1946 में द वीक ऑफ द लॉन्ग नाइव्स के नाम से मशहूर इस अवधि में कई महीनों तक क्रूरता देखी गई, जिसने भारत और बंगाल का विभाजन किया. इस फिल्म के जरिए हिंसा में कई बंगाली परिवारों की दुर्दशा को दिखाया जाएगा. इस हिंसा की अराजकता के बीच उनकी पहचान मिटा दी गई थी.
फिल्म में 'मां काली' में राइमा सेन और अभिषेक सिंह मुख्य भूमिका में हैं. इस फिल्म का निर्देशन विजय येलकांति ने किया है. टीजी विश्व प्रसाद द्वारा निर्मित और विवेक कुचिबोटला द्वारा सह-निर्मित, 'मां काली' का फर्स्ट लुक सामने आ गया है. जिसमें राइमा सेन और अभिषेक सिंह अपने बच्चों के साथ दिखाई दे रहे हैं. फिल्म का लुक अखबार की एक कटिंग के रूप में बाया गया है. जिस पर लिखा घोष परिवार 16 अगस्त, 1946 के लापता. अनुराग हलदर द्वारा रचित अपने मनमोहक संगीत और आचार्य वेणु की सिनेमैटोग्राफी के साथ, 'मां काली' एक आत्मा-रोमांचक कहानी बुनती है जो दर्शकों को पसंद आती है.