मशहूर मलयालम संगीत निर्देशक जे जॉय का निधन, 77 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

मशहूर मलयालम संगीत निर्देशक के जे जॉय का सोमवार को चेन्नई में उनके घर पर निधन हो गया है. वह 77 वर्ष के थे. जे जॉय 1970 के दशक में कीबोर्ड जैसे उपकरणों के इस्तेमाल से मलयालम फिल्म संगीत जगत में पहले 'तकनीकी संगीतकार' के रूप में मशहूर थे.

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मशहूर मलयालम संगीत निर्देशक जे जॉय का निधन
नई दिल्ली:

मशहूर मलयालम संगीत निर्देशक के जे जॉय का सोमवार को चेन्नई में उनके घर पर निधन हो गया है. वह 77 वर्ष के थे. जे जॉय 1970 के दशक में कीबोर्ड जैसे उपकरणों के इस्तेमाल से मलयालम फिल्म संगीत जगत में पहले 'तकनीकी संगीतकार' के रूप में मशहूर थे. सूत्रों ने बताया कि वह कुछ समय से बिस्तर पर थे. जे जॉय का अंतिम संस्कार बुधवार को चेन्नई में होगा. एफईएफकेए डायरेक्टर्स यूनियन और मलयालम पार्श्व गायक-सह-संगीतकार एम जी श्रीकुमार ने सोशल मीडिया पर उनके निधन पर शोक व्यक्त किया.

उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, 'मेरी संवेदनाएं उनके साथ हैं. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे.' 1946 में केरल के त्रिशूर जिले के नेल्लिकुन्नु में पैदा हुए जॉय ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने दशकों लंबे करियर के दौरान दो सौ से ज्यादा फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया. जे जॉय ने 1975 में मलयालम सिनेमा में अपनी शुरुआत की और तब से वह कई गानों के निर्माता रहे जिन्होंने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. यह जॉय के प्रयोग ही थे जिसके कारण मलयालम फिल्म संगीत परिदृश्य में भारी बदलाव आया और उन्होंने जयन अभिनीत फिल्मों में अपने संगीत निर्देशन के लिए भी ध्यान आकर्षित किया.

जे जॉय ने कई शाश्वत युवा गीतों की भी रचना की, जिनमें बेहद हिट गीत 'एन स्वरम पूविट्टम गानामे' भी शामिल है, जिसे लोग आज भी याद रखते हैं. दो सौ से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने संगीत दिया. जिसमें इवान एंडे प्रियपुत्रन, चंदनचोला, आराधना, स्नेहयमुना, मुक्कुवने स्नेहिचा भूतम, लिसा मदालसा, सयुज्यम, इथा ओरु थीरम, अनुपल्लवी, सर्पम, शक्ति, हृदयम पदुन्नु, चंद्रहासम, मनुष्य मृगम और करिम्पुचा शामिल हैं. उन्होंने अलग-अलग संगीत निर्देशकों के लिए 500 से ज्यादा फिल्मों में सहायक के रूप में भी काम किया था.

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