ट्यूशन की फीस भरने के लिए ईशा गुप्ता करती थीं McDonald's में काम और उठाती थीं टेबल-कुर्सी, मॉडलिंग से कमाए थे 1500 रुपये

ईशा गुप्ता (Esha Gupta) बॉलीवुड की चर्चित अभिनेत्रियों में से एक हैं. हाल ही में उनकी वेब सीरीज आश्रम 3 आई थी, जिसमें ईशा गुप्ता के किरदार को दर्शकों ने काफी पसंद किया है.

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ईशा गुप्ता
नई दिल्ली:

ईशा गुप्ता (Esha Gupta) बॉलीवुड की चर्चित अभिनेत्रियों में से एक हैं. हाल ही में उनकी वेब सीरीज आश्रम 3 आई थी, जिसमें ईशा गुप्ता के किरदार को दर्शकों ने काफी पसंद किया है. वेब सीरीज के अलावा वह बॉलीवुड की कई फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं. फिल्मों में आने और बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए ईशा गुप्ता को काफी संघर्ष भी करना पड़ा है. वहीं इससे पहले उन्हें मैकडॉनल्ड्स जैसी जगहों पर टेबल उठानी पड़ी और काम करना पड़ा. ताकि वह अपनी ट्यूशन की फीस दे सकें.

इस बात की खुलासा खुद ईशा गुप्ता ने अपने नए इंटरव्यू में किया है. हाल ही में उन्होंने अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया को इंटरव्यू दिया. इस इंटरव्यू में उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों के अलावा निजी जिंदगी को लेकर ढेर सारी बातें की. ईशा गुप्ता ने पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि वह इस फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाने में सफल रही हैं? इस पर अभिनेत्री ने बेबाकी से जवाब दिया.

ईशा गुप्ता ने कहा, 'मैं अपनी जिंदगी में सफल रही हूं. और मुझे लगता है कि हर किसी को उसकी ख्वाहिश रखनी चाहिए. मुझे इस सोच में आने में और यह महसूस करने में वर्षों लग गए कि आपको अन्य लोगों के साथ अपनी तुलना करने की जरूरत नहीं है. स्वाभाविक रूप से, हम ऐसा नहीं करते हैं, लेकिन यह समाज है, यहां आसपास के लोग हैं जो आपको दूसरों के साथ अपनी तुलना करने के लिए कहते हैं कि उसकी स्किन को देखो, वह बहुत अच्छे लगते हैं, उनकी बॉडी को देखो, यह बहुत अच्छा है. हमें तुलनाओं में धकेल दिया जाता है, हम सभी चूहे की दौड़ में शामिल होने के लिए तैयार रहते हैं.'

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अभिनेत्री ने आगे कहा, 'मेरी पहली जॉब मैकडॉनल्ड्स में टेबल उठाना था क्योंकि मुझे अपनी ट्यूशन फीस खुद देनी होती थी. विदेश में पढ़ाई करना वाकई महंगा है. मुझे याद है कि मेरे माता-पिता इसे वहन नहीं कर सकते थे. मेरे पिताजी वायु सेना में थे और वे पढ़ाई का पूरा भुगतान नहीं कर सकते थे. उन्होंने मुझसे कहा, 'अगर आप इसे वहन कर सकती हैं, तो आगे बढ़ें, लेकिन अगर आप नहीं कर सकती हैं, तो भारत में पढ़ाई कर लो', तो मैंने ऐसा किया.

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अपनी बात को खत्म करते हुए ईशा गुप्ता ने कहा, 'जब मैंने अपना पहला मॉडलिंग का काम किया, तो यह मिस इंडिया के बाद था, मुझे केवल 1500 रुपये मिले. और फिर भी, लोगों ने ऐसा व्यवहार किया जैसे वे मुझ पर एक एहसान कर रहे थे. पंद्रह सौ रुपये आजकल कुछ भी नहीं है, मॉडल उस फीस को भी नहीं देखेंगे. उस से अब तक, मुझे लगता है कि मैंने बड़ी प्रगति की है. मैं सड़क पर चलती हूं और लोग जानते हैं कि मैं कौन हूं. मुझे लगता है कि यही मेरी सफलता है.'

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