एक-दो नहीं बल्कि तीन ब्लॉकबस्टर फिल्मों से हाथ धो बैठीं चित्रांगदा सिंह, एक में तो बनने वाली थीं शाहरुख खान की हीरोइन

बॉलीवुड के कई सितारे अपने फैसले को लेकर बहुत बार पछताते हैं. कुछ गलतियां या लापरवाही की वजह से बड़ी-बड़ी फिल्में हाथ से निकल जाती हैं. उन्हीं में से एक हैं, चित्रांगदा सिंह.

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चित्रांगदा सिंह ने ठुकराई कई बड़ी फिल्में, अब जताया अफसोस
नई दिल्ली:

बॉलीवुड के कई सितारे अपने फैसले को लेकर बहुत बार पछताते हैं. कुछ गलतियां या लापरवाही की वजह से बड़ी-बड़ी फिल्में हाथ से निकल जाती हैं. उन्हीं में से एक हैं, चित्रांगदा सिंह. चित्रांगदा सिंह ने अपने करियर की कुछ गलतियों का खुलकर जिक्र किया है. उन्होंने बताया कि कई बार दूसरों की सलाह सुनकर उन्होंने महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स ठुकरा दिए, जिसका उन्हें आज भी मलाल है. 49 साल की चित्रांगदा का मानना है कि ये फैसले उनके सफर का हिस्सा हैं, लेकिन इनसे उन्होंने कई बड़े मौके गंवा दिए.

कौन-कौन से फिल्में निकलीं हाथ से

एक्ट्रेस ने हाल ही में अंग्रेजी वेबसाइट हिंदूस्तान टाइम्स से बातचीत की. इस दौरान चित्रांगदा ने खुलासा किया कि उन्होंने अनुराग कश्यप की फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' (2012) में वो रोल ठुकरा दिया था, जो बाद में ऋचा चड्ढा ने निभाया. इसी तरह, आनंद एल राय की 'तनु वेड्स मनु' (2011) के लिए भी उन्हें ऑफर मिला था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. ये रोल अंत में कंगना रनौत को मिला, जिन्होंने फिल्म में शानदार अभिनय किया. चित्रांगदा कहती हैं, "उस समय मैंने बहुत ज्यादा लोगों की बातें सुनीं और कुछ गलत फैसले ले लिए. कंगना उस फिल्म में कमाल की थीं. मुझे लगता है कि मैंने बड़ी गलतियां कीं. लोग सोचते हैं कि दूसरे बेहतर जानते हैं, लेकिन ऐसा हमेशा नहीं होता."

शाहरुख खान की फिल्म से धोया हाथ

एक और दिलचस्प किस्सा शाहरुख खान की फिल्म 'चलते चलते' (2003) का है. चित्रांगदा ने बताया कि इस फिल्म का रोल उन्होंने इसलिए नहीं किया क्योंकि उस समय वे काम से दूर हो गई थीं और अपना फोन नंबर बदल लिया था. बाद में शाहरुख खान ने खुद उन्हें बताया कि फिल्म के लिए उनकी तलाश की गई थी. चित्रांगदा ने कहा, "मैंने सात-आठ साल काम से ब्रेक ले लिया था. तब समझ आता है कि क्या खोया है." 

क्या बोलीं चित्रांगदा

हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई फिल्म 'रात अकेली है: द बंसल मर्डर्स' में नजर आईं चित्रांगदा का कहना है कि इंडस्ट्री की याददाश्त बहुत कम होती है. अगर आप लगातार नजर नहीं आते, तो लोग आपको भूल जाते हैं. उन्होंने कहा, "हमें खुद को बार-बार याद दिलाना पड़ता है कि हम क्या कर सकते हैं. कुछ सर्कल्स में आप नहीं होते, तो आपका काम भी भुला दिया जाता है,". चित्रांगदा का मानना है कि लगातार काम करना और खुद को विजिबल रखना अपने आप में एक चुनौती है. उनके इन खुलासों से साफ होता है कि बॉलीवुड में सफलता के साथ-साथ पछतावे भी सफर का हिस्सा बन जाते हैं.
 

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