कंगना रनौत की इमरजेंसी पर फिर चलेगी कैंची, सेंसर बोर्ड ने इस शर्त पर दी रिलीज की इजाजत

कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी को लेकर एक नया फैसला आया है. इसके बाद अब इस फिल्म को दोबारा एडिट किया जाएगा.

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नई दिल्ली:

केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने बृहस्पतिवार (26 सितंबर) को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी' से कुछ सीन हटाए जाने के बाद फिल्म को सर्टिफिकेट जारी किया जा सकता है जैसा की बोर्ड की रिव्यू कमिटी ने सिफारिश की है. फिल्म पहले छह सितंबर को रिलीज होने वाली थी लेकिन फिल्म की रिलीज के लिए सर्टिफिकेट जारी नहीं होने के चलते इसकी रिलीज टल गई. कंगना रनौत ने फिल्म का निर्देशन किया है और वह इसकी सह-निर्माता भी हैं. उन्होंने फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का रोल निभाया है. कंगना ने सीबीएफसी पर रिलीज में देरी के लिए सर्टिफिकेट जारी नहीं करने का आरोप लगाया है.

बायोपिक बेस्ड यह फिल्म तब विवादों में आ गई जब शिरोमणि अकाली दल (शिअद) समेत कुछ सिख संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई और समुदाय को गलत तरीके से पेश करने तथा ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर दिखाने का आरोप लगाया. न्यायमूर्ति बी. पी. कोलाबावाला और न्यायमूर्ति फिरदौस पूनीवाला ने पिछले हफ्ते फिल्म का प्रमाण पत्र जारी करने पर निर्णय नहीं ले पाने के कारण सीबीएफसी को फटकार लगाई थी.

उच्च न्यायालय ने कहा था कि सेंसर बोर्ड ऐसे चुपचाप बैठा नहीं रह सकता और उसे किसी न किसी तरह से अपना निर्णय लेना ही होगा अन्यथा यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के समान होगा. अदालत ने सीबीएफसी को 25 सितंबर तक अपना निर्णय लेने का निर्देश दिया. फिल्म के सह-निर्माता जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सीबीएफसी को कंगना रनौत द्वारा निर्देशित फिल्म ‘इमरजेंसी' के लिए प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था.

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पीठ ने बृहस्पतिवार को सीबीएफसी से पूछा कि क्या फिल्म को लेकर "अच्छी खबर" है. सीबीएफसी की ओर से पेश हुए वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने अदालत को बताया कि बोर्ड की पुनरीक्षण समिति ने अपना फैसला ले लिया है. उन्होंने कहा, "समिति ने प्रमाण पत्र जारी करने से पहले कुछ दृश्यों को हटाने का सुझाव दिया है. इसके बाद फिल्म को रिलीज किया जा सकता है."

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जी एंटरटेनमेंट की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील शरण जगतियानी ने इस बारे में फैसला करने के लिए समय देने का अनुरोध किया कि फिल्म से दृश्यों को हटाया जाए या नहीं. पीठ ने इसके बाद मामले में अगली सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की. जी एंटरटेनमेंट ने अपनी याचिका में दावा किया कि सीबीएफसी पहले ही फिल्म को प्रमाण पत्र दे चुका है लेकिन वह इसे जारी नहीं कर रहा है.

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पिछले हफ्ते जी एंटरटेनमेंट ने आरोप लगाया था कि राजनीतिक कारणों और हरियाणा में आगामी चुनाव के मद्देनजर फिल्म को प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है. पीठ ने इस पर हैरानी जताते हुए पूछा कि सत्तारूढ़ पार्टी रनौत के खिलाफ काम क्यों करेगी जो खुद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक सांसद हैं.

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