सिर्फ छह महीने में बन गई थी गोविंदा की ये फिल्म, 2 करोड़ के बजट में फिल्म ने की थी बंपर कमाई

गोविंद बॉलीवुड के दिग्गज कलाकारों में से एक हैं. उन्होंने कई फिल्मों में अपनी एक्टिंग से दर्शकों के दिलों को जीता है. गोविंद अपने करियर में एक से बढ़कर एक हिट फिल्में भी दे चुके हैं.

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सिर्फ छह महीने में बन गई थी गोविंदा की ये फिल्म
नई दिल्ली:

गोविंद बॉलीवुड के दिग्गज कलाकारों में से एक हैं. उन्होंने कई फिल्मों में अपनी एक्टिंग से दर्शकों के दिलों को जीता है. गोविंद अपने करियर में एक से बढ़कर एक हिट फिल्में भी दे चुके हैं. एक समय ऐसा भी था जब उनकी फिल्मों को देखने के लिए सिनेमाघरों के बाहर टिकट के लिए लंबी लाइन लगा करती थीं. आज हम आपको गोविंद की एक ऐसी फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जो ना केवल आज भी पसंद की जाती है बल्कि इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर बंपर कमाई भी की थी. 

गोविंद की इस फिल्म का नाम स्वर्ग है. यह फिल्म साल 1990 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. इस फिल्म में गोविंदा, राजेश खन्ना, जूही चावला, सतीश कौशिक, माधवी, परेश रावल और नीना गुप्ता जैसे कई बड़े कलाकार मुख्य भूमिका में थे. स्वर्ग एक फैमिली ड्रामा थी,जिसका निर्देशन डेविड धवन ने किया था. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस फिल्म को बनाने में दो करोड़ रुपये खर्च किए गए थे और गोविंदा की इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 14 करोड़ रुपये की कमाई की थी. हैरान कर देने वाली बात यह है कि स्वर्ग सिर्फ 6 महीने में बनकर तैयार हो गई थी और दिसंबर 1989 में रिलीज के लिए तैयार हो गई. 1990 की शुरुआत में गोविंदा अभिनीत 6 अन्य फिल्में रिलीज होने के कारण इसे मई 1990 तक के लिए टाल दिया गया.

बात करें फिल्म स्वर्ग की कहानी की तो कुमार (राजेश खन्ना) अपनी पत्नी जानकी (माधवी), दो भाइयों और सबसे छोटी बहन ज्योति (जूही चावला) के साथ महलनुमा घर में रहते हैं. कृष्णा (गोविंद) घर का नौकर है जो कुमार को भगवान से कम नहीं मानता और उन्हें साहबजी कहकर पुकारता है. धनराज (परेश रावल), कुमार का व्यापारिक प्रतिद्वंद्वी उसकी फैक्ट्री नष्ट कर देता है, कुमार के भाई उससे अलग हो जाते हैं और ज्योति की शादी टूट जाती है क्योंकि कुमार के पास कुछ भी नहीं बचा है. कृष्णा उसका एकमात्र सहारा है जो अंत तक उसके साथ रहने का फैसला करता है. लेकिन उसे डकैती के आरोप में फंसाया जाता है और घर से निकाल दिया जाता है. इसके अलावा जानकी की मृत्यु हो जाती है और कुमार ज्योति के साथ एक झोपड़ी में रहने लगते हैं. कृष्णा बॉम्बे चला जाता है और एक बड़ा स्टार बन जाता है. वापस लौटने पर उसे पता चलता है कि कुमार के साथ क्या हुआ था और वह धनराज और कुमार के भाइयों को नष्ट करने का फैसला करता है.
 

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