एक्टिंग से पहले बॉर्डर पर देश सेवा करते थे ये 5 एक्टर, कोई था चीन युद्धा का हिस्सा तो किसी ने की नेवी में नौकरी

ग्लैमर की इस दुनिया में बहुत बार सेना के जवानों की जांबाजी दिखाई गई है. पर, क्या आप जानते हैं कि शोबिज में शामिल ऐसे बहुत से कलाकार हैं जो कभी वाकई एक जांबाज सिपाही रहे हैं.

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कुछ कलाकारों के बारे में जो स्टार होने से पहले जांबाज सिपाही रहे हैं
नई दिल्ली:

बॉलीवुड में ऐसी बहुत सी मूवीज बनी हैं जो देशभक्ति पर बेस्ड है. जिसमें कभी देश की आर्मी तो कभी नेवी और कभी एयरफोर्स हीरो की तरह नजर आती है. जो देश की रक्षा की खातिर अपनी जान भी दांव पर लगा देती है. ग्लैमर की इस दुनिया में बहुत बार सेना के जवानों की जांबाजी दिखाई गई है. पर, क्या आप जानते हैं कि शोबिज में शामिल ऐसे बहुत से कलाकार हैं जो कभी वाकई एक जांबाज सिपाही रहे हैं. कभी सेना का जवान बन कर तो कभी नेवी का कैडेट बनकर दुश्मन के छक्के छुड़ाते रहे हैं. देशभक्ति का जज्बा रखते हुए देश की सेवा करने के बाद वो ग्लैमर की दुनिया में आए हैं. आपको बताते हैं ऐसे ही कुछ कलाकारों के बारे में जो जांबाज सिपाही रहे हैं.

गुफी पेंटल

महाभारत में जिस शख्स ने शकुनी का किरदार निभाया वो थे एक्टर गुफी पेंटल. ये बहुत कम लोग जानते हैं कि इस माहिर कलाकार ने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है. लेकिन जब वो इंजीनियरिंग पढ़ रहे थे तब भारत चीन का युद्ध जारी था. साल 1962 की उस जंग में सेना में सीधी भर्ती निकली थी और गुफी पेंटल सेना में शामिल हो गए थे.

अच्युत पोद्दार

बॉलीवुड के सिनेमाई सफर पर निकलने से पहले अच्युत पोद्दार मध्यप्रदेश के रीवा शहर में प्रोफेसर के रूप में काम करते थे. वो इंडियन फोर्स में भी कैप्टन के रूप में काम कर चुके हैं. और, 1967 में वो रिटायर हुए थे. आपको थ्री इडियट के वो प्रोफेसर जरूर याद होंगे जिनका डायलॉग था अरे कहना क्या चाहते हो. वही अच्युत पोद्दार सेना का हिस्सा रह चुके हैं.

बिक्रमजीत कंवरपाल

बिक्रमजीत कंवरपाल भले ही इस दुनिया को अलविदा कह चुके हों लेकिन वो अपने शानदार रोल्स और एक्टिंग के लिए हमेशा याद किए जाते रहेंगे. ये एक्टर साल 2002 में इंडियन फोर्स में मेजर के पद से रिटायर हुआ. उसके बाद अपने सपने पूरे करने के लिए माया नगरी का रुख किया. आप इन्हें अतिथि तुम कब जाओगे, मर्डर और आरक्षण जैसी फिल्मों में देख सकते हैं.

आनंद बक्शी

आनंद बक्शी के गानों को तो आपने बरसों सुना हैं. उनके जैसे गीतकार भुलाए नहीं जा सकते. तकरीबन तीन हजार गाने लिखने वे आनंद बक्शी रॉयल इंडियन नेवी के कैडेट रहे हैं. उन्होंने 1947 से लेकर 1956 तक आर्मी में काम किया है.

रुद्राशीष मजूमदार

छिछोरे, हवा सिंह, जर्सी और मिसेज अंडरकवर जैसी फिल्मों का हिस्सा रहे रुद्राशीष मजूमदार सात साल तक इंडियन आर्मी का हिस्सा रहे हैं. वो मेजर की रैंक से आर्मी से रिटायर हुए और फिर फिल्मों में आए.

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