ये हिन्दी सिनेमा का वह दौर था जब नायक एंग्री यंगमैन हो गया था. विलक्षण क्षमता वाला नायक 20-20 गुंडों को अकेला ही पीट देता था और दर्शक इसे देखकर तालियां पीट रहे थे. ऐसे समय में बासु चटर्जी (Basu Chatterjee), अमोल पालेकर जैसे कलाकार को लेकर 'रजनीगंधा', 'छोटी सी बात' और 'चितचोर' जैसी फिल्में बना रहे थे. दिलचस्प यह है कि जिस दौर में 'शोले', 'दीवार', 'जमीर' जैसी फिल्में अमिताभ बच्चन को सुपरस्टार बना रही थीं, लेकिन उसी दौर में बासु दा की फिल्मों को पसंद करने वाला भी एक बड़ा वर्ग था. 4 जून को बासु दा के निधन को एक साल हो गया. बासु चटर्जी का जन्म 10 जनवरी, 1927 को हुआ था. इस मौके पर बात करते हैं बासु चटर्जी की 6 बेहतरीन फिल्मों (Basu Chatterjee 6 Unforgettable Movies) की.
1. छोटी सी बात (1976)
एक्शन और ड्रामा फिल्मों के दौर में बासु दी की ये फिल्म अलग ही तरह का सुकून देती है. एक सीधा-सादा या फिर कहें दब्बू शख्सियत के नौजवान अरुण (अमोल पालेकर) को कर्नल नगेन्द्रनाथ विलफ्रेड सिंह (अशोक कुमार) कैसे रौबीला बना देते हैं. इसी के इर्द-गिर्द ये कहानी घूमती है. बिना किसी अश्लील या द्विअर्थी संवाद के हास्य किस तरह से पैदा किया जाता है, ये बासु दा कि इस फिल्म से सीखी जा सकती है.
2. चितचोर (1976)
बासु दा की इस फिल्म में चार गाने थे और चारों गाने ऐसे हैं जो आज भी कानों में शहद घोल देते हैं. फिल्म की कहानी नायक (अमोल पालेकर) और उसकी कंपनी के बड़े अधिकारी (विजेन्द्र घाटगे) का नाम एक ही होने के कंफ्यूजन से शुरू होती है और दिलचस्प मोड़ लेती जाती है. इस फिल्म के गीतों के लिए गायक येसुदास को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला था.
3. खट्टा-मीठा (1978)
जैसा फिल्म का नाम था, वैसी ही ये फिल्म भी थी. प्रौढ़ अवस्था में विधुर होमी मिस्त्री (अशोक कुमार) एक विधवा नरगिस (पर्ल पद्मसी) से विवाह करने का फैसला करता है. इन दोनों के ही युवा बच्चे हैं जो इस शादी के बाद साथ में रहने के लिए मजबूर है. बस, कहानी के इसी प्लाट के बीच दर्शकों में हंसी के फव्वारे छूटते हैं. राकेश रोशन, बिंदिया गोस्वामी, देवेन वर्मा, प्रीति गांगुली, मास्टर राजू जैसे कलाकारों के अभिनय ने फिल्म को क्लासिक कॉमेडी की श्रेणी में ला खड़ा किया.
4. बातों-बातों में (1979)
बासु चटर्जी (Basu Chatterjee) की इस फिल्म का नायक भी एक आम आदमी ही था. मुंबई महानगर में मध्यमवर्गीय पारसी परिवारों की पृष्ठभूमि में बनाई गई इस फिल्म में अमोल पालेकर के अपॉजिट टीना मुनीम को लिया गया था. आज भी इस फिल्म के गाने दिल को छू जाते है.
5. शौकीन (1982)
प्रौढ़ावस्था में दिल में कई तरह के अरमान लिए हुए तीन दोस्तों की ये कहानी बेहद मजेदार है. उत्पल दत्त, ए के हंगल और अशोक कुमार के कमाल की परफॉरमेंस ने इस फिल्म में जान डाल दी थी. उनकी रति अग्निहोत्री और मिथुन चक्रवर्ती भी लोड रोल में हैं.
6. चमेली की शादी (1986)
ये फिल्म एक छोटे से कस्बे में रहने वाली चमेली (अमृता सिंह) और चरणदास (अनिल कपूर) की मजेदार प्रेम कहानी है. पंकज कपूर, अमजद खान, ओमप्रकाश और अन्नू कपूर जैसे कलाकार का अभियन दर्शकों को ठहाके लगाने पर मजबूर कर देता है.