'चेहरे ही मुखौटे हैं, मुखौटे ही तो चेहरे हैं,' दिल छू लेगी आयुष्मान खुराना की ये कविता, आप भी कहेंगे- वाह !

ड्रीम गर्ल 2 एक्टर आयुष्मान खुराना ने गुरुवार को एनडीटीवी राजस्थान से बात की. चैनल की लॉन्चिंग पर दिग्गज एक्टर ने अपनी फिल्मों से लेकर करियर और जिंदगी से जुड़ी ढेर सारी बातें की.

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दिल छू लेगी आयुष्मान खुराना की ये कविता

नई दिल्ली:

ड्रीम गर्ल 2 एक्टर आयुष्मान खुराना ने गुरुवार को एनडीटीवी राजस्थान से बात की. चैनल की लॉन्चिंग पर दिग्गज एक्टर ने अपनी फिल्मों से लेकर करियर और जिंदगी से जुड़ी ढेर सारी बातें की. आयुष्मान खुराना ने इस मौके पर एनडीटीवी के दर्शकों को कविता गुनगुना कर सुनाई. जिसे हर किसी ने पसंद किया है. एनडीटीवी के दर्शकों के लिए उन्होंने गाना गाने से बेहतर कविता सुनाना ठीक समझा.

आयुष्मान खुराना की कविता 'मुखौटे'

चेहरे ये मुखौटे हैं,
मुखौटे ही तो चेहरे हैं.
अंदर का राम जला दिया
कैसे उल्टे पड़े दशहरे हैं.
अपनी ही आवाज सुन न पाएं,
पूर्ण रूप से बहरे हैं.

मन की नदी उफान प न सकी,
पर हम दिखते कितने गहरे हैं.
ये मुखौटे कोई उतार ना ले,
लगा दिए लखन पहरें हैं.
चेहरे ये मुखौटे हैं,
मुखौटे ही तो चेहरे हैं.

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एनडीटीवी राजस्थान चैनल लॉन्च के मौके पर बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना ने सिनेमा को लेकर अपनी राय रखी और बताया कि किस तरह से फिल्में बदल रही है. उन्होंने ओटीटी के आने के बाद सिनेमा में आने वाले बदवालों को लेकर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि मैंने सरस्वती पर ज्यादा ध्यान दिया है, लक्ष्मी अपने आप आ जाती है. ऐसा मेरे पिता कहते थे. यही नहीं, जब उनसे कुछ सुनाने को लिए कहा गया तो बॉलीवुड एक्टर ने बताया कि किस तरह बचपन में उनके पापा अकसर मेहमानों के सामने कुछ परफॉर्म करने के लिए कहते थे. इस तरह मुझे इसकी आदत पड़ गई है. इस मौके पर आयुष्मान खुराना ने अपनी लिखी कविता मुखौटे सुनाई. आयुष्मान खुराना ने ओटीटी पर कहा कि ये हर किसी के लिए है. ओटीटी का 10 साल का चेंज 2 साल में आ गया. हर बर्थडे पार्टी डांस  करते और गाना सुनाते थे. आयुष्मान खुराना ने कहा कि बॉलीवुड पर राजस्थान की गहरी छाप है.

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