मशहूर और दिग्गज चित्रकार और फिल्मकार मुजफ्फर अली की आत्मकथा 'जिक्र: इन द लाइट एंड शेड ऑफ टाइम' का नवंबर में विमोचन किया जाएगा. इस बात की जानकारी प्रकाशक, 'पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया (पीआरएचआई) ने बृहस्पतिवार को दी है. मुजफ्फर अली ने अपनी इस आत्मकथा में फिल्म और बॉलीवुड जगत के कई अनसुने किस्से शेयर किए हैं. उन्होंने 'अंजुमन' और 'गमन' जैसी फिल्मों के निर्माण के दौरान की पर्दे से जुड़ी कई कहानियां बताई हैं और उन बातों का जिक्र किया है, जिन्होंने उन्हें और उनके काम को प्रभावित किया था.
अली (77) ने कहा, 'कविताएं मुझे प्रेरित करती हैं, लेकिन मैं कवि नहीं हूं. मैं कलाकारों से प्रेरित होता हूं, मैंने कई कलाकारों को प्रेरित किया है. मैं जिन लोगों से मिला हूं और जिन जगहों पर मैं रहा हूं, 'जिक्र' उनके लिए एक सम्मान है.' अली एक फैशन डिजाइनर भी हैं. वह कोटवाड़ा के शाही परिवार से संबंध रखते हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत विज्ञापनों से की थी और बाद में बॉलीवुड में फिल्म निर्माता के रूप में अपनी पहचान बनाई. उन्होंने 'उमराव जान' और 'गमन' जैसी फिल्मों का निर्माण करने के अलावा कई वृत्तचित्र एवं लघु फिल्म भी बनाईं.
उन्हें 2005 में पद्म श्री और 2014 में राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित किया गया. पीआरएचआई के एडबरी पब्लिशिंग एंड विंटेज में प्रकाशक मिली ऐश्वर्या ने कहा, 'मुजफ्फर अली कई प्रतिभाओं के धनी एवं बहुमुखी कलाकार, चित्रकार, फिल्म निर्माता और कवि हैं जिन्होंने रोमांच से भरा जीवन जिया है. अपनी आत्मकथा ‘जिक्र' के जरिए मुजफ्फर हमें अपने जीवन की आकर्षक यात्रा पर ले जाते हैं.'
मणिरत्नम की 'पोन्नियिन सेलवन' में दिखाई गई है 1000 साल पुराने चोल साम्राज्य की भव्यता