1978 में रिलीज हुई फिल्म मैं तुलसी तेरे आंगन की ने दर्शकों का दिल जीत लिया था. इस फिल्म में आशा पारेख ने 'तुलसी' का किरदार निभाया, जो हीरो की दूसरी पत्नी थी. फिल्म को जबरदस्त कामयाबी मिली और लोगों ने इसे खूब प्यार दिया. खास बात यह थी कि ढेर सारी महिलाओं ने आशा को 'तुलसी' के नाम से चिट्ठियां लिखीं. हर चिट्ठी का जवाब भी आशा ने दिया. ज्यादातर महिलाओं ने पूछा, "क्या आप असल जिंदगी में किसी की दूसरी पत्नी बनना चाहेंगी?" आशा का जवाब था, "मैं किसी की सौतन नहीं बनूंगी." उनकी आत्मकथा में ऐसे कई दिलचस्प किस्से हैं.
आशा पारेख की आत्मकथा: जिंदगी के अनकहे राज
आशा पारेख की आत्मकथा आशा पारेख: द हिट गर्ल में उनकी जिंदगी की कई रोचक बातें हैं. इसमें उनकी जिंदगी के सुख-दुख की कहानियां शामिल हैं. किताब के लॉन्च के दौरान आशा ने एक इंटरव्यू में अपनी जिंदगी के खास इंसान के बारे में बताया. उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने शादी क्यों नहीं की. 60-70 के दशक की मशहूर अभिनेत्री ने कहा, "नासिर हुसैन मेरे जीवन में एकमात्र इंसान थे, जिनसे मैंने प्यार किया. अगर मैं अपनी आत्मकथा में उन लोगों का जिक्र न करूं जो मेरे लिए खास हैं, तो इसे लिखने का कोई मतलब नहीं."
'मैं किसी का घर नहीं तोड़ना चाहती थी'
आशा को नासिर हुसैन से गहरा प्यार था. उन्होंने नासिर के डायरेक्शन में सात फिल्मों में काम किया, जिसमें उनकी पहली फिल्म दिल देके देखो भी शामिल थी. दोनों के बीच उम्र का बड़ा अंतर था, लेकिन आशा का प्यार सच्चा था. फिर भी, उन्होंने नासिर को उनके परिवार से अलग करने का कभी नहीं सोचा. आशा ने कहा, "मैं किसी का घर तोड़ने वाली नहीं बनना चाहती थी." उस दौर में आशा और नासिर की दोस्ती के चर्चे बॉलीवुड में आम थे, लेकिन आशा ने इस बारे में कभी खुलकर बात नहीं की. सालों बाद अपनी आत्मकथा में उन्होंने इस रिश्ते का जिक्र किया.
'शायद भगवान मेरी जोड़ी बनाना भूल गए'
आशा ने उसी इंटरव्यू में बताया, "शादियां ऊपरवाला तय करता है, लेकिन शायद भगवान मेरी जोड़ी बनाना भूल गए." उनकी मां चाहती थीं कि उनकी शादी हो जाए, लेकिन कोई रिश्ता पक्का नहीं हुआ. आशा ने बताया कि एक बार किसी ने भविष्यवाणी की थी कि उनकी शादी टिकेगी नहीं. उनकी मां को यह बात नहीं माननी थी, फिर भी उन्होंने आशा की शादी के लिए बहुत कोशिश की. लेकिन आशा की शादी नहीं हो पाई.
'शादी का टैग नहीं, अच्छा रिश्ता जरूरी'
2017 में एक इवेंट में आशा ने कहा, "मेरे लिए शादी से ज्यादा जरूरी थी एक अच्छी शादी. मैं सिर्फ शादी का टैग लगाने के लिए शादी नहीं करना चाहती थी." आशा पारेख, जो हिंदू पिता और मुस्लिम मां की इकलौती बेटी हैं, खुद को अकेला नहीं मानतीं. आजकल वो अपनी दोस्तों की टोली, जिसमें हेलन और वहीदा रहमान जैसी मशहूर अभिनेत्रियां हैं, के साथ देश-विदेश घूमती हैं. हेलन की वजह से आशा का सलमान खान के परिवार से भी खास रिश्ता है.