अमरीश पुरी के पोते लेकर आए 'दशमी', राम मंदिर के उद्घाटन से पहले दिया मैसेज- युग कोई भी हो, राम राज्य तो आना ही है...

फिल्म 'दशमी' जिसका सशक्त ट्रेलर आज सोशल मीडिया पर जारी कर दिया गया है. फिल्म के ट्रेलर में एक समाज के तौर पर लोगों के नैतिक मूल्यों में आ रही गिरावट को रेखांकित किया गया है.

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'दशमी' का ट्रेलर रिलीज
नई दिल्ली:

"बुराई पे अच्छाई को तो विजयी होना ही है, युग कोई भी हो, राम राज्य तो आना ही है". इन पंक्तियों को सार्थक करती है फिल्म 'दशमी' जिसका सशक्त ट्रेलर आज सोशल मीडिया पर जारी कर दिया गया है. फिल्म के ट्रेलर में एक समाज के तौर पर लोगों के नैतिक मूल्यों में आ रही गिरावट को रेखांकित किया गया है. यह पहली ऐसी फिल्म है जिसमें जाति और धर्म से परे जाकर समाज में दुष्कर्म के तेजी से बढ़ते मामलों पर रोक लगाने पर फोकस किया गया है. अपनी फिल्म 'दशमी' को लेकर बेहद उत्साहित नजर आ रहे निर्देशक शांतनु ताम्बे कहते हैं, "आज भले ही हम सब एक आधुनिक काल में जी रहे हों मगर न्याय को लेकर लोगों की जद्दोजहद अब भी जारी है. ऐसे में 'दशमी' हमारे समाज में होने वाले शोषण व अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करने और बुराई पर अच्छाई की जीत की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास अनूठे ढंग से करती है."

इससे पहले जारी किये गये 'दशमी' के टीजर में सामाजिक नैतिकता की जटिलताओं को रेखांकित किया गया था और उसमें मुश्किल हालात में अच्छाई और बुराई के बीच होने वाले संघर्ष को दर्शाया गया था. शांतनु ताम्बे के निर्देशन में बनी 'दशमी' एक ऐसी फिल्म है जो दर्शकों को अंत तक बांधे रखेगी. यह फिल्म लोगों को त्वरित ढंग से न्याय मुहैया कराने और एक बार फिर से राम राज्य स्थापना पर जोर देती है. 'दशमी' की गिनती ऐसी फिल्मों में की जानी चाहिए जो आम लोगों को सोचने पर मजबूर कर देगी. यह फिल्म सामाजिक रीति-रिवाजों प्रहार व दकियानूसी सामाजिक परंपराओं पर भी सवाल खड़ा करती है और पुरजोर अंदाज में सामाजिक न्याय की बात करती है.

'दशमी' में वर्धन पुरी, गौरव सरीन, मोनिका चौधरी, ख़ुशी हजारे, आदिल खान, स्वाति सेमवाल जैसे कलाकारों ने अपने-अपने अभिनय से तमाम किरदारों को जीवंत बना दिया है. उल्लेखनीय है कि एक अलहदा किस्म के विषय पर बनी 'दशमी' 19 जनवरी, 2023 को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज की जाएगी जिसे बड़े पर्दे पर देखना दर्शकों के लिए एक अभूतपूर्व सिनेमाई अनुभव साबित होगा. फिल्म‌ की टैगलाइन है, "आओ कलयुग की दशमी में कलयुगी रावण को मिलाकर जलाते हैं" जो कि काफी सशक्त संदेश देने का काम करती है. इसके जरिए आज के समाज में व्याप्त बुराई पे अच्छाई की विजय को दर्शाने और अंधेरे को मिटाकर एक नई रोशनी फैलाने का प्रयास किया गया है.

जैसे जैसे 'दशमी' की रिलीज को लेकर आम‌ दर्शकों की उत्सुकता बढ़ रही है, लोग ये जानने को लेकर बेताब हो रहे हैं कि‌ फिल्म में आधुनिक राम राज्य में बुराई पे अच्छाई की जीत को किस प्रकार से दर्शाया गया है. फिल्म में रोजाना रेप‌ के बढ़ते मामलों से जूझने और उसे नियंत्रित करने के तरीके को बड़े ही सशक्त अंदाज में पेश किया गया है.

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