'बड़े मियां छोटे मियां' का रिलीज़ होना बेहद प्रत्याशित था, लेकिन परिणाम उम्मीद से काफी दूर रहा. फिल्म ने बुरी तरह से असफलता का सामना किया, जिससे प्रोडक्शन हाउस को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा. निर्देशक अली अब्बास जफ़र ने पूजा एंटरटेनमेंट पर बकाया राशि का भुगतान न करने का आरोप लगाया, साथ ही अबू धाबी से मिले सब्सिडी फंड्स के कथित तौर पर हड़पने की बातें भी उठी हैं. इस फिल्म की असफलता के पीछे कई कारण हैं:
1. दर्शकों द्वारा बड़े पैमाने पर नकारना
दर्शकों की इस फिल्म से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन देखने के बाद वे गहरी निराशा में डूब गए. फिल्म ने दर्शकों के बीच भारी नकारात्मकता का सामना किया, और कई लोगों ने इसे ओटीटी प्लेटफार्मों पर देखने में भी रुचि नहीं दिखाई. दर्शकों का इतना बड़ा नकारात्मक रिस्पॉन्स पहले कभी नहीं देखा गया.
2. कमजोर स्क्रीनप्ले और डायलॉग
'बड़े मियां छोटे मियां' में एक सुसंगत पटकथा का अभाव था. कहानी शुरुआत से अंत तक लक्ष्यहीन महसूस होती रही, जिससे दर्शक भ्रमित हो गए. इसके अलावा, संवादों में भी कोई आकर्षण नहीं था. ये न तो दिलचस्प थे और न ही प्रभावी, जिससे फिल्म की छाप और भी फीकी पड़ गई.
3. भारत के सबसे बड़े सुपरस्टार्स का सही इस्तेमाल नहीं
निर्देशक अली अब्बास जफ़र के पास दो सबसे बड़े एक्शन सुपरस्टार्स, अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ के साथ काम करने का अवसर था, लेकिन उन्होंने उनके स्टार पावर का सही इस्तेमाल नहीं किया. उनके एक्शन सीक्वेंस को फिल्म के मुख्य आकर्षण के रूप में पेश करने की क्षमता थी, लेकिन ये फ्लॉप साबित हुए, जिससे फैंस का उम्मीदें पूरी तरह से धराशायी हो गईं.
4. सब्सिडी विवाद
फिल्म की असफलता में एक और बड़ा मुद्दा सब्सिडी विवाद रहा. अली अब्बास जफ़र पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने शूट के दौरान अबू धाबी की सरकार से ली गई सब्सिडी फंड्स को हड़प लिया. इतने बड़े बजट का गलत प्रबंधन फिल्म के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हुआ. इतना बड़ा बजट संभालने के लिए इतनी flawed अप्रोच का होना हैरान करने वाला है.
असल में किसे जिम्मेदार ठहराया जाए?
'बड़े मियां छोटे मियां' पूजा एंटरटेनमेंट के लिए एक बड़ी असफलता बन गई, और नुकसान का आंकलन करना मुश्किल है.