आज बॉलीवुड में भव्य सेट, मेगा स्टार कास्ट और बड़े बजट में ब्लॉकबस्टर फिल्में बन रही हैं, जिन्हें लेकर दर्शकों में क्रेज भी खूब नजर आता है. लेकिन आज की इन बड़ी बजट की फिल्मों से भी अधिक क्रेज अब से 92 साल पहले रिलीज हुई एक फिल्म के लिए देखा गया था. ऐसा क्रेज की इस फिल्म के लिए लोगों ने लाठियां तक खा ली थीं. हम बात कर रहे हैं इंडियन सिनेमा की सबसे पहली बोलती फिल्म आलम आरा (Alam Aara) की.
1931 में रिलीज हुई थी आलम आरा
भारतीय सिनेमा की पहली बोलती फिल्म आलम आरा 14 मार्च, 1931 को रिलीज हुई थी. 124 मिनट की इस फिल्म में 7 गाने थे. फिल्म को अर्देशिर ईरानी ने डायरेक्ट किया था और इम्पीरियल मूवीटोन प्रोडक्शन कंपनी ने प्रोड्यूस किया था. फिल्म में पृथ्वीराज कपूर, जुबैदा और मास्टर विट्ठल जैसे कलाकार नजर आए थे. चूंकि इस फिल्म के पहले भारतीय सिनेमा में केवल साइलेंट फिल्में बनी थीं, इस फिल्म को देखने के लिए दर्शकों में बहुत ज्यादा एक्साइटमेंट थी.
बेकाबू हो गई थी दर्शकों की भीड़
पहली बोलती फिल्म को देखने के लिए दर्शकों ने लंबी कतार लगा दी थी. खबरों के अनुसार फिल्म देखने के लिए 5-6 घंटे पहले से ही लोग मैजिस्टिक सिनेमा के बाहर टिकट खरीदने के लिए लाइन में लग गए थे. फिल्म की टिकटें उस समय 50-50 रुपए में ब्लैक में भी बेची गई थीं. भीड़ इस कदर बढ़ गई थी कि पुलिस को स्थिति पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज तक करना पड़ा था. इस तरह की दिवानगी कि लाठी खाकर भी फिल्म देखी हो, इसके बाद शायद ही किसी फिल्म के लिए नजर आई हो.
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