- बी. सरोजा देवी, दक्षिण भारतीय सिनेमा की प्रमुख अभिनेत्री, का 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया है, जिन्होंने 200 से अधिक फिल्मों में काम किया.
- उन्होंने 17 वर्ष की उम्र में फिल्मी करियर शुरू किया और 1958 की फिल्म नदोदी मनन से तमिल सिनेमा में लोकप्रियता हासिल की.
- सरोजा देवी को उनके सिनेमा योगदान के लिए पद्मश्री और पद्मभूषण सहित तमिलनाडु का कलाईममणि पुरस्कार और डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिली.
इंडियन सिनेमा की महान हस्तियों में से एक एक्ट्रेस बी. सरोजा देवी का 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया है. 'अभिनय सरस्वती' और 'कन्नड़थु पैंगिली; जैसे नामों से प्रसिद्ध, वह दक्षिण भारतीय सिनेमा की एक प्रमुख हस्ती थीं. उन्होंने कन्नड़, तमिल, तेलुगु और हिंदी भाषाओं में 200 से ज्यादा फिल्में शामिल थीं. सरोजा देवी ने 17 साल की उम्र में फिल्मों की दुनिया में एंट्री की. वह 1955 में आई महाकवि कालीदास में नजर आईं. जबकि 1958 में आई नदोदी मनन से उन्हें पहचान मिली. इस फिल्म में वह एमजी रामाचंद्रन (एमजीआर) के साथ नजर आई थीं. इसी फिल्म से वह तमिल सिनेमा में भी पॉपुलर हो गई थीं.
सरोजा देवी ने अपने करियर के दौरान सिनेमा में उनके योगदान के लिए कई सम्मान मिले. उन्हें 1969 में पद्मश्री और 1992 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया. इसके अतिरिक्त, उन्हें तमिलनाडु का कलाईममणि पुरस्कार और बैंगलोर विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी मिली है. इसके अलावा उन्होंने 53वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के निर्णायक मंडल की अध्यक्षता भी की और कन्नड़ चलचित्र संघ की उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है.
बेंगलुरू में 7 जनवरी 1938 में सरोजा देवी का जन्म हुआ. वह पुलिस ऑफिसर भैरप्पा और रुद्रम्मा की चौथी बेटी थीं. उनके पति श्री हर्षा का 1968 में देहांत हो गया. सरोजा देवी ने साड़ी, जूलरी और हेयरस्टाइल से 60 के दशक में ट्रेंड सेट किया. गौरतलब है कि बीते दिन दिग्गज एक्टर कोटा श्रीनिवास राव का निधन हो गया था, जिसके चलते फैंस को झटका लगा था.