जब इस फिल्म के बाद आमिर खान को ऑफर हुईं 400 फिल्में, मगर फिर आए ऐसे दिन फूट-फूटकर रोते थे मिस्टर परफेक्शनिस्ट

ज्यादा फिल्में करने का फैसला उनके लिए फायदे से ज्यादा नुकसान का सौदा साबित हुआ. हालात ये हुए कि आमिर खान की एक के बाद एक फिल्म फ्लॉप होती गईं और मीडिया ने उन पर वन फिल्म वंडर का टैग लगा दिया.

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खुद को वन फिल्म वंडर समझने लगे थे आमिर खान, बार बार आता था रोना
नई दिल्ली:

आमिर खान वो एक्टर हैं जो अपनी पहचान मिस्टर परफेक्शनिस्ट के रूप में बना चुके हैं. आज के दौर के फैन्स उन्हें ऐसे स्टार के रूप में जानते हैं जो एक बार में एक ही फिल्म करता है. और, रोल में पूरी तरह ढल जाता है. लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब आमिर खान तीन अलग अलग शिफ्ट में काम करते थे. तब उनके पास फिल्मों का ढेर लगा हुआ था. लेकिन ज्यादा फिल्में करने का फैसला उनके लिए फायदे से ज्यादा नुकसान का सौदा साबित हुआ. हालात ये हुए कि आमिर खान की एक के बाद एक फिल्म फ्लॉप होती गईं और मीडिया ने उन पर वन फिल्म वंडर का टैग लगा दिया.

ढेरों फिल्मों के मिले ऑफर

आमिर खान-सिनेमा का जादूगर नाम के कार्यक्रम में जावेद अख्तर से चर्चा करते हुए खुद आमिर खान ने अपने उन दिनों को याद किया. आमिर खान ने बताया कि उनकी पहली फिल्म कयामत से कयामत तक जबरदस्त तरीके से हिट हुई थी. जिसके बाद आमिर खान को एक साथ तीन सौ से चार सौ फिल्मों का ऑफर मिला. आमिर खान को तब लगने लगा था कि इतने ऑफर्स मिलना अच्छा है. और, उन्होंने धड़ाधड़ फिल्में साइन कर लीं. लेकिन जब फिल्में फ्लॉप हुईं तब उन्हें अहसास हुआ कि उनके कंधों पर फैंस की उम्मीदों का कितनी जिम्मेदारी है.

मिली थी ये सीख

आमिर खान ने इस कार्यक्रम में बताया कि उस वक्त उनकी लाइन से फिल्में फ्लॉप होने लगी थीं. तब मीडिया ने उन्हें वन फिल्म वंडर भी कहना शुरू कर दिया था. ये सोच सोच कर ही उन्हें रोना आ जाता था कि शायद उन पर फ्लॉप एक्टर का धब्बा लग चुका है. तब उन्हें ये समझ में आया कि सिर्फ डायरेक्टर, प्रोड्यूसर का नाम देखना काफी नहीं है. फिल्म की स्क्रिप्ट भी देखना और समझना जरूरी है. लगातार फ्लॉप के बाद उनके हाथ दिल जैसी मूवी लगी. जिसने एक बार फिर उनके करियर को नई जान दी.

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