50 साल पहले रिलीज हुई थी ये फिल्म, इमरजेंसी के दौरान हो गई थी बैन, एक फोटो और डायलॉग से हट गए थे सारे प्रतिबंध

1975 की इमरजेंसी के दौरान संजीव कुमार की इस फिल्म को बैन कर दिया गया था. लेकिन डायरेक्टर गुलजार के एक सीन को जोड़ने के बाद प्रतिबंध हटा दिया गया था.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
20 हफ्ते चलने के बाद बैन हो गई थी ये फिल्म
नई दिल्ली:

1975 में लगाई गई इमरजेंसी की चर्चा आज भी होती है. इस दौरान ना केवल आम आदमी पर इसका असर पड़ा बल्कि बॉलीवुड को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा क्योंकि इस दौरान कुछ फिल्मों को बैन किया गया था. इन्हीं में से एक 50 साल पहले यानी 13 फरवरी 1975 को फिल्म आंधी आई थी, जिसमें संजीव कुमार, सुचित्रा सेन, ओम शिवपुरी और एके हंगल लीड रोल में नजर आए थे. इस फिल्म की रिलीज राजनीतिक विवादों से घिरी रही. कांग्रेस पार्टी और उसके समर्थकों ने आरोप लगाया कि फिल्म में सुचित्रा सेन का किरदार इंदिरा गांधी पर आधारित है और यह उनकी नेता की छवि को खराब दिखाता है.

IMdb के अनुसार, इसके कारण फिल्म के मुख्य किरदार की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से समानता के कारण इसे प्रतिबंधित कर दिया गया था. बाद में इसे फिर से रिलीज किया गया. हालांकि फिल्म को लेकर इसके लेखक कमलेश्वर ने कहा था कि इसका किरदार दरअसल तारकेश्वरी सिन्हा से प्रेरित है, जो स्वतंत्र भारत की पहली महिला राजनेताओं में से एक थीं. 

हालांकि जब इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया तो फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन उस समय तक फिल्म बीस हफ्ते से अधिक समय तक चल चुकी थी. हालांकि आखिर में बैन तब हटाया गया जब गुलजार ने फिल्म में एक सीन जोड़ने पर सहमति जताई, जिसमें सुचित्रा सेन के किरदार को इंदिरा गांधी के चित्र के साथ दिखाया गया था. सीन में वह यह लाइन कहती हैं कि श्रीमती गांधी उनकी आदर्श थीं.

1977 में, जब जनता पार्टी सत्ता में आई, तो उन्होंने इस फिल्म को दूरदर्शन पर प्रसारित किया. गुलजार ने आंधी को लेकर कहा था कि इंदिरा गांधी कभी भी फिल्म के केंद्रीय चरित्र के लिए प्रेरणा का स्रोत नहीं थीं. हालांकि, उन्होंने सुचित्रा सेन को निर्देशित करते समय उन्हें संदर्भ के रूप में इस्तेमाल किया. आंधी हिंदी सिनेमा की क्लासिक फिल्मों में गिनी जाती है.

Featured Video Of The Day
Jaisalmer Bus Accident: जैसलमेर बस हादसे की दर्दनाक कहानी | Rajasthan News | Bus Fire