एक ऐसा गीत जो दिलों से दिलों को जोड़ता है, 1-2 नहीं इसमें हैं 14 भाषाएं
नई दिल्ली:
आप अगर 80 या 90 के दशक के बच्चे हैं तो एक गीत आपने जरूर सुना होगा. ये गीत है मिले सुर मेरा तुम्हारा. उस दौर में ये गीत दूरदर्शन पर बार बार प्ले होता था. बच्चा इस गीत को गुनगुनाता था. गाने के जैसे बोल थे उसकी आत्मा को भी वैसा ही रखा गया. जब बात सुर से सुर मिलाने की थी तो देश की हर बोली हर जुबान के शब्दों के साथ सुर मिलाए गए. सुर से सुरों को जोड़ने के लिए बड़े बड़े सितारे, स्थानीय कलाकार और खिलाड़ी भी गीत में शामिल हुए. पंडित भीमसेन जोशी की क्लासिकल वॉइस से शुरू होने वाला ये गीत आज भी बेनजीर है.
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