महेंद्र कपूर का जन्म 9 जनवरी 1934 को पंजाब के अमृतसर में हुआ. कम उम्र में ही वह मुंबई आ गए, जहां उन्होंने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा प्राप्त की. उनके गुरु पंडित हुस्नलाल, पंडित जगन्नाथ, उस्ताद नियाज अहमद खान जैसे नामी संगीतकार थे. महेंद्र कपूर ने अपनी कड़ी मेहनत से संगीत की दुनिया में कदम रखा. शुरुआत में उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन 1950 के दशक में एक संगीत प्रतियोगिता जीतने के बाद उनकी किस्मत चमकी. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में गाने शुरू किए. उनकी आवाज में मोहम्मद रफी की छवि झलकती थी, जिन्हें वह अपना गुरु मानते थे.
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महेंद्र कपूर ने खासतौर पर देशभक्ति और रोमांटिक गीतों के लिए अपनी अलग पहचान बनाई. वे सुपरस्टार मनोज कुमार की आवाज के रूप में प्रसिद्ध हुए. फिल्मों जैसे 'उपकार', 'पूरब और पश्चिम', 'धूल का फूल', और 'गुमराह' में उनके गीत आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं. 'मेरे देश की धरती सोना उगले' जैसे गीतों ने उनकी लोकप्रियता को और बढ़ा दिया. उन्होंने करीब 100 से ज्यादा गाने गाए और कई पुरस्कार भी जीते. उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड के अलावा राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया. महेंद्र कपूर का करियर लगभग चार दशक तक चला और उन्होंने विभिन्न भाषाओं में भी गाने गाए.
दोनों कलाकारों की जिंदगी में संघर्ष और मेहनत की एक जैसी कहानी है. जहां राहुल देव ने अभिनय के क्षेत्र में विलेन किरदारों से शुरुआत की, वहीं महेंद्र कपूर ने एक संगीत प्रतियोगिता जीतकर प्लेबैक सिंगर के रूप में अपनी पहचान बनाई. दोनों ने कभी हार नहीं मानी और लगातार अपने काम में सुधार करते रहे. महेंद्र कपूर का निधन 27 सितंबर 2008 को मुंबई में हुआ, लेकिन उनकी आवाज आज भी लोगों के दिलों में बसती है.