इश्क, धोखे और अपराध की काली दुनिया की कहानी है 'यह काली काली आंखें', पढ़ें वेब सीरीज का रिव्यू

इश्क, धोखा, अपराध की काली दुनिया और मजबूरी जैसे मसालों के साथ मिलकर बनी वेब सीरीज 'यह काली काली आंखें' रिलीज हो गई है. जानें कैसी है वेब सीरीज.

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जानें कैसी है 'यह काली काली आंखें' वेब सीरीज
नई दिल्ली:

इश्क, धोखा, अपराध की काली दुनिया और मजबूरी जैसे मसालों के साथ मिलकर बनी वेब सीरीज 'यह काली काली आंखें' रिलीज हो गई है. नेटफ्लिक्स की इस वेब सीरीज में आंचल सिंह, श्वेता त्रिपाठी, ताहिर राज भसीन और सौरभ शुक्ला हैं जबकि इसको सिद्धार्थ सेन गुप्ता ने डायरेक्ट किया है. 'यह काली काली आंखें' में देसी संवाद और तेवर देखने को मिलते हैं, और इसके साथ ही इसमें मजबूत तरीके से पात्रों को स्थापित भी किया गया है. इस तरह यह सीरीज देखने में मजा आता है. 

'यह काली काली आंखें' की कहानी विक्रांत यानी ताहिर राज भसीन की है. वह भिलाई में जाकर काम करना चाहता है, लेकिन उसके पिता स्थानीय नेता के अखिराज अवस्थी यानी सौरभ शुक्ला के यहां काम करते हैं. उनकी एक बेटी है पूर्वा यानी आंचल सिंह. पूर्वा विक्रांत को बचपन से प्यार करती है और विक्रांत को शिखा यानी श्वेता त्रिपाठी पसंद है और वह उससे प्यार करता है. लेकिन विक्रांत की जिंदगी में जैसे ही पूर्वा की एंट्री होती है, उसके सारे सपने टूट जाते हैं, अब उसके सांने खुद को और खुद से जुड़े लोगों को बचाने की जद्दोजहद है. इसी चक्कर में कई साजिशें रची जाती हैं, और कई तरह के गेम होते हैं. सिद्धार्थ सेन गुप्ता ने एकदम देसी अंदाज वाली कहानी उठाई है और कुछ पोर्शन को छोड़ दिया जाए तो सीरीज में मजा आता है. हालांकि कई हिस्सों में थोड़ी खींची हुई जरूर लगती है.

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