आज सबसे पहले चर्चा हमारे समाज के एक बडे वर्ग की उस मानसिकता की जो ये मानने को ही तैयार नहीं है कि स्वतंत्रता, समता और आपसी भाईचारा संविधान की बुनियादी गुण है जिनके बिना आप एक न्यायप्रिय समाज की कल्पना कर ही नहीं सकते. लेकिन आए दिन देश के अलग-अलग हिस्सों से जो खबरें आ रही है वो बता रही है कि संविधान का मूल उद्देश्य पूरा नहीं हो पाया है.