देश ज्यादातर चौक या चौपाल पर खाली समय में लोग आपको ताश खेलकर टाइम पास करते नजर आ जाएंगे. ऐसे में अकसर पुलिस ऐसे लोगों को पहले पकड़ती है और बाद में जुर्माना लगाकर छोड़ देती है. लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि पुलिस का इतना भर करने से आप भविष्य में कोई चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं,इसपर बड़ा असर पड़ सकता है. हो सकता है अगर आपने कोई चुनाव जीता हो तो आपको अयोग्य भी घोषित किया जा सकता है. ऐसा ही एक मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. कोर्ट ने साफ कर दिया कि जुआ खेलते पकड़े जाने और बाद में जुर्माने पर छूटने के बाद किसी को अयोग्य घोषित नहीं किया जा सकता. और ना ही चुनाव रद्द किया जा सकता है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने ये फैसला दिया है. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कर्नाटक हाईकोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें एक सहकारी समिति के निदेशक मंडल में सर्वाधिक वोट लेकर निर्वाचित व्यक्ति को अयोग्य घोषित कर दिया गया था. इस फैसले का आधार ये बताया गया था कि सड़क किनारे जुआ खेलने के लिए राज्य पुलिस अधिनियम के तहत उसे दोषी ठहराया जाना नैतिक रूप से भ्रष्ट आचरण है. मामले के अनुसार हनुमानथारायप्पा वाईसी व कुछ अन्य लोग कथित तौर पर सड़क किनारे ताश खेल रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया व बिना किसी सुनवाई के उन पर 200 रुपये का जुर्माना लगा दिया.