ऐसा क्यों होता है कि जब देश के किसी भी हिस्से में चुनाव होता है तो पेट्रोल-डीज़ल के दाम नहीं बढ़ते लेकिन चुनाव खत्म होते ही दाम बढ़ने लगते हैं.कर्नाटक में चुनावों के दौरान 19 दिनों तक पूरे देश में पेट्रोल-डीज़ल के दाम स्थिर रहे.लेकिन वोटिंग पूरी होते ही पिछले नौ दिनों से हर दिन पेट्रोल और डीज़ल के दाम बढ़ रहे हैं.कहने को तेल कीमतों को सरकार के नियंत्रण से बाहर कर दिया गया है और अब तेल कंपनियां हर रोज तेल के दाम तय करती हैं.लेकिन साफ है कि यह कदम सिर्फ दिखावे का है क्योंकि चुनावों के वक्त दाम नहीं बढ़ता और चुनाव के बाद बढ़ जाता है.