NDTV Khabar

प्राइम टाइम : सियासत में फ़िज़ूल की बयानबाज़ी क्यों?

 Share

क्या वाकई नेताओं की ज़ुबान फ़िसल रही है या सोच समझ कर इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं, ताकि गोदी मीडिया जनता के सवालों को छोड़ इन्हीं सब पर चर्चा करता रहे. ये बयान ऐसे होते हैं जिससे आपका मनोरंजन होता है. हंसी-हंसी के खेल में पता भी नहीं चलता कि आपका ख़ज़ाना लुट गया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि पकौड़ा तलना भी तो रोज़गार है. उस बयान से लोगों ने अपना ख़ूब मनोरंजन किया. बेरोज़गारी को लेकर बेचैनी चुटकुले से हंसी में बदल गई. कहीं ऐसा तो नहीं कि प्रधानमंत्री मोदी से लेकर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब तक के बयानों में कोई पैटर्न है. ऐसा कुछ बोल दिया जाए कि आप उस पर चुटकुला शेयर करने लगें. आज कल बिप्लब देब के बिप्लबी बयान छाए हुए हैं. अच्छे अच्छे लोग बिप्लबी बयानों पर लतीफे बना रहे हैं. व्हाट्सएप मेमे बनाकर शेयर कर रहे हैं. इस लिहाज़ से देखें तो नेताओं ने ऐसे बयान देकर अपना मकसद पूरा कर लिया है. नौजवान टीवी खोलता है कि नौकरी पर चर्चा होगी मगर वह बिपल्बी बयानों में छिपी हुई हंसी के सामने लोटपोट होकर मदहोश हो जाता है.



Advertisement

 
 
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com