पुणे में नए साल पर शुरू हुई हिंसा के बाद तनाव पसरा हुआ है. इस हिंसा की लपटें अब महाराष्ट्र के दूसरे शहरों को भी झुलसाने लगी हैं. भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर कल आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दो गुटों में हुए टकराव में एक शख्स की मौत हो गई. भीमा-कोरेगांव की लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने पेशवाओं को हराया था. पांच सौ महार सैनिकों ने अंग्रेज़ों की तरफ से लड़ते हुए पेशवाओं की विशाल सेना को हरा कर मराठा साम्राज्य को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी. इस जीत के दलितों के लिए कई मायने हैं और दलित साल के पहले दिन इसका जश्न मनाते हैं. एक गुट ने इसी जश्न का विरोध किया, जिसके बाद हिंसा भड़की.