वाजपेयी सरकार में रहे मंत्री मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के करीबी और बीजेपी के वरिष्ठ नेता चिन्मयानंद को कानून ने कुछ ऐसी ढील दी है जैसे विदेशी राजदूतों को गैर मुल्क में मिलती है. इसे कहा जाता है 'डिप्लोमैटिक इम्युनिटी'. उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकती, उन पर इस देश के कानून लागू नहीं हैं. यहां तक कि हिन्दुस्तान की सरजमीं पर जो राज दूतावास हैं वो भी उस मुल्क की धरती मानी जाती है. शाहजहांपुर में चिन्मयानंद का आश्रम एक राज दूतावास जैसा ही हो गया है. वो किसी एम्बैसेडर से कम नहीं. आखिर रेप जैसे गंभीर आरोप लग जाने के बाद भी उन पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है. गिरफ्तारी तो छोड़िए FIR तक दर्ज नहीं हुई है. आरोप तो ये तक लग रहे हैं कि सबूत को नष्ट ना कर दे यूपी पुलिस.