प्राइम टाइम : कश्मीर में किसकी नीति फ़ेल हुई?

कश्मीर में देशहित में बनाया गया गठबंधन देशहित में तोड़ दिया गया. देशहित वो मैदा है जिससे राजनीति कभी पूड़ी बना लेती है, कभी समोसा बना लेती है. आज इसी देशहित के तहत बीजेपी ने गठबंधन से अलग होने का एलान कर दिया. तीन साल तक बीजेपी और पीडीपी मिलकर सरकार चलाती रही. आज अचानक मीडिया में महबूबा सरकार बोला जाने लगा है मगर क्या हम भूल गए हैं कि उस सरकार में बीजेपी के दस मंत्री थे जिनमें एक उप मुख्यमंत्री भी थे. अगर जम्मू कश्मीर में हालात इतने चिंताजनक हुए हैं तो इसकी जवाबदेही सिर्फ महबूबा मुफ्ती पर है या फिर यह जवाबदेही बीजेपी और पीडीपी दोनों की है. कश्मीर की सरकार जितनी कश्मीर से चलती है उतनी ही दिल्ली की नीतियों से चलती है. क्या वहां दिल्ली की नीतियां फेल हो गई हैं? दिल्ली कश्मीर के हालात के लिए किस तरह से जवाबदेही स्वीकार करेगी? कश्मीर की नीति बंदूक से चलनी थी तो उसका अंजाम वही बता रहे हैं जो बंदूक से चलाना चाहते थे. अगर बातचीत से चलनी थी उसे नाकाम वही बता रहे हैं जो बीच बीच में बातचीत के नाम पर सीज़फायर कर देते हैं.

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