अब जब चिट-फंड कंपनियों की लूट के कारण बंगाल और दिल्ली की राजनीति टकरा ही गई है तो क्यों न इस मौके का फायदा उठाकर उन लोगों की बात कर ली जाए जिनके पैसे लूट लिए जाते हैं. ये बेहद आम लोग होते हैं जो न ट्विटर पर आकर अपने मुद्दे को ट्रेंड करा सकते हैं और न ही टीवी चैनलों के सामने रो सकते हैं. हमने 4 फरवरी के प्राइम टाइम में पर्ल एग्रोटेक कोरपोरेशन लिमिटेड के पीड़ितों की कहानी बताई थी. इस कंपनी ने 5 करोड़ 85 लाख लोगों के 49,100 करोड़ हड़प लिए.
सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2016 में आदेश दिया था कि इनके पैसे लौटाए जाएं. तीन साल बाद भी किसी को पता नहीं कि पैसा किसे मिला. इसलिए सर्वोच्च अदालत का हर फैसला इंसाफ ही हो यह ज़रूरी नहीं. कागज़ पर तो इंसाफ मिल गया है मगर तीन साल बाद तक पीएसीएल पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिला है. बदीलाल दांगी हैं. मध्यप्रदेश के राजगढ़ ज़िला के निवासी. फिलहाल भोपाल के अस्पताल में भरती इसलिए हैं क्योंकि इन पर हमला कर दिया गया जिसकी वजह से सर में चोट आई है और हाथ की हड्डी टूटी है.