रफ़ाल का जिन्न रह-रहकर बाहर निकल आता है. मंगलवार को ये मुद्दा एक बार गर्मा गया जब रफ़ाल बनाने वाली कंपनी दसॉ के सीईओ ने एक इंटरव्यू दिया. उन्होंने कहा कि कंपनी ने रिलायंस के साथ अपनी मर्ज़ी से समझौता किया है, किसी दबाव में नहीं. उनका दावा है कि इस सौदे में रफ़ाल की क़ीमत कम हुई है. कांग्रेस ने उनके इस बयान को रटा-रटाया इंटरव्यू बताया है. जबकि बीजेपी कह रही है कि अब इस इंटरव्यू से सच सामने आ गया है तो राहुल गांधी माफ़ी मांगें.