लोकतंत्र के लिए जितना जरूरी और अहम सरकार का पक्ष होता है उतना ही जरूरी विपक्ष भी होता है. अगर विपक्ष कमजोर हो जाए तो सत्ता पक्ष निरंकुश हो जाता है. ऐसी स्थिति को लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. 2019 लोकसभा चुनाव के बाद से विपक्ष के और कमजोर होने के पीछे कई वजह मानी जा रही है. सत्ता पक्ष का कहना है कि विपक्ष अपनी गलतियों की वजह से कमजोर हो रहा है तो वहीं विपक्ष का कहना है कि उन्हें जानबूझकर कमजोर किया जा रहा है. ऐसे में इन दोनों स्थितियों को लेकर आज आमने सामने हैं. वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और राजनीतिक विश्लेषक ममता काले. दोनों ही तरफ से तथ्य और तर्क रखे गए, देखें किसकी बातों में है कितना वजन.