8 नवंबर को नोटबंदी के एलान के बाद के दो-तीन हफ्ते तक बैंक कर्मचारियों की साख पर किसी ने सवाल नहीं उठाये. प्रधानमंत्री से लेकर लाइन में लगा आम आदमी भी बैंक कर्मचारियों की तारीफ कर रहा है. लेकिन अब जब रोज़ छापे पड़ रहे हैं और जहां-तहां से भारी मात्रा में नए नोट बरामद हो रहे हैं, आम जनता की नज़र में बैंक वालों की साख गिरने लगी है.