एक समाचार कंपनी में सहायक संपादक दीक्षा सिंह ने कहा कि यह कुछ ऐसा है जिसने मुझे परेशान किया और इस कैंपेन में मुझे अपने भय को मुखर करने का मौका मिला. हर लड़की को लोग जज करते हैं. मैं अभियान में शामिल हुई और महसूस किया कि कुछ ऐसा है कि लोगों को यह स्वीकार करना मुश्किल होता है जैसे हम हैं.