सुप्रीम कोर्ट के जातीय आरक्षण व्यवस्था में कोटे में कोटा पर राज्यों को अधिकार देने के फ़ैसले के बाद यूपी में राजनीति धीमे धीमे गरमा रही है। एक तरफ़ जहां बीजेपी इस पर अभी शांत है वहीं बीजेपी के सहयोगी दल कोटे में कोटा व्यवस्था बहाल करने की मांग करने लगे हैं। वहीं दलितों का सबसे बड़ा चेहरा मायावती इस व्यवस्था के ख़िलाफ़ हैं। यूपी में सामाजिक न्याय के संबंधित राघवेंद्र सिंह कमिटी की रिपोर्ट को भी सार्वजनिक करने की मांग अब ज़ोर पकड़ने लगी है