तो आखिरकार अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में हैट्रिक लगा ही दी. हैट्रिक से भी ज्यादा यूं कहें कि जब से आम आदमी पार्टी आई है दिल्ली में वही सरकार बना रही है. अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बन रहे हैं. अरविंद केजरीवाल की इस बार की जीत के मायने क्या हैं? इस जीत के मायने समझने के लिए हमें पहले यह समझना होगा कि आखिर दिल्ली वालों ने आम आदमी पार्टी को इतने बड़े पैमाने पर वोट क्यों दिए? दरअसल आम आदमी पार्टी ने इस बात को समझा कि मध्यवर्गीय हसरतों के इर्द गिर्द घूम रही भारतीय राजनीति में ग़रीब आदमी हाशिए पर है. नई अर्थव्यवस्था में वो पीछे छूट रहा है. इस आदमी को केजरीवाल ने स्कूल दिया, अस्पताल दिए, बिजली-पानी की सुविधा दी, सरकारी दफ्तरों के छोटे-मोटे भ्रष्टाचार से भी बचाया. केजरीवाल को मालूम था कि उनका यही काम उनके वोट में बदलेगा. इसी वजह से उनके भीतर ये कहने का दमखम आया कि अगर दिल्लीवालों को लगता है कि उन्होंने काम नहीं किया है कि उन्हें वोट न दें.