एग्ज़िट पोल घोर विश्वसनीयता के संकट से गुज़र रहे हैं. तमाम एग्ज़िट पोल में जिस पार्टी की बढ़त है वो भी उसे लेकर कोई दावा नहीं कर रही है. न तो उसे अपना रही है न खारिज कर रही है. ऐसा नहीं है कि राजनीतिक दल सरकार बनाने का दावा नहीं कर रहे हैं. बिल्कुल कर रहे हैं मगर वे अपने इस दावे को एग्ज़िट पोल से अलग रख रहे हैं. इस लिहाज़ ये चुनाव एग्ज़िट पोल वालों के लिए भी एक बार फिर इम्तहान ले रहा है. हर पोल के बाद यही सवाल उभर रहा है कि क्या ये सही होगा या जो कहा जा रहा है उसका उल्टा होने वाला है.