अनूप धीमान की रिपोर्ट
क्रिसमस बीत चुका है और नया साल आने वाला है, लेकिन हिमाचल प्रदेश में सर्दियों का असली रंग अब तक नहीं दिखा. लाहुल-स्पीति के शिंकुला दर्रे और रोहतांग दर्रे पर हल्की बर्फबारी जरूर हुई है, मगर जिला कांगड़ा की धौलाधार की पहाड़ियां अब भी बर्फबारी का इंतज़ार कर रही हैं.
अमूमन इस मौसम में धौलाधार की चोटियाँ सफेद बर्फ की चादर ओढ़ लेती हैं, लेकिन इस बार पहाड़ पूरी तरह खाली हैं। जो पहाड़ कभी सफेद नजर आते थे, वे आज काले पत्थरों के रूप में दिख रहे हैं.
प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों मनाली, मैक्लोडगंज और डलहौज़ी में भी बर्फबारी नहीं हुई है. मनाली में क्रिसमस से पहले उम्मीद थी कि बर्फबारी होगी, लेकिन हल्के फाहों के बाद मौसम साफ हो गया.आज भी दिनभर बादल छाए रहे, मगर बर्फबारी के लिए थोड़ा और इंतज़ार करना पड़ेगा.
बर्फबारी का न होना न सिर्फ पर्यटकों के लिए निराशाजनक है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी चिंता का विषय है। वहीं मैदानी इलाकों में बारिश का इंतज़ार जारी है. किसान, जो इस बारिश और बर्फबारी पर निर्भर रहते हैं, खासे परेशान और निराश दिख रहे हैं.