Bangladesh Political Crisis: बांग्लादेश से शेख हसीना तो हट गईं लेकिन सड़कों पर स्थिति सुधरी नहीं । सेना ने कहा था कि शांति बहाली की कोशिश है, स्कूल कालेज सब आज से खुलने थे, लेकिन सड़कों पर रात भर हिंसा हुई। निशाने पर बांग्लादेश के अल्पसंख्यक भी है, सिर्फ अवामी पार्टी के नेता ही नहीं।
बीएन पी और जमात जैसे विपक्षी दलों में भारत विरोधी ताकतें प्रहृबल हैं ।शेख़ हसीना सरकार ने अपनी ज़मीन पर भारत-विरोधी चरमपंथियों पर कार्रवाई की थी।फ़िलहाल स्थिति अनिश्चितताओं से घिरी है. बांग्लादेश में जो कुछ जिस तरह से चल रहा है उसे लेकर वहां रहने वाले अल्पसंख्यक सबसे ज़्यादा परेशान हैं और डरे हुए हैं। इंतज़ार नई अंतरिम सरकार का है ताकि माहौल सामान्य हो और उनसे खतरा टले.