जेएनयू मामले पर विक्रम चौहान ने कहा कि वकील भी भारतीय नागरिक हैं, कोई भारत में कैसे किसी को राष्ट्र विरोधी और पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने की इजाजत दे सकता है? उनका दावा है कि एक आंदोलन की शुरुआत हुई है जिसकी गूंज देशभर के वकीलों के बीच सुनाई दी है।