विकास दुबे मारा गया…लेकिन उसके साथ बहुत सारे राज़ों का भी कत्ल हो गया. लोगों को उम्मीद थी कि वो पकड़ा जाएगा तो खादी और खाकी के तमाम राज खुलेंगे. लेकिन क्या वाकई हमारी पुलिस को यही नही पता था कि उसके गुनाहों में कौन-कौन मददगार था?या इस सिस्टम में उनके खिलाफ कार्रवाई करना आसान नहीं?