देश की आधी आबादी अब अपना पूरा हिस्सा मांग रही है - वह पहाड़ों पर चढ़ रही है, विश्वविद्यालयों में पढ़ा रही है, खेलकूद के मैदानों में पदक जीत रही है, उद्योग और बैंक चला रही है, युद्ध के मोर्चों पर भी जगह बना रही है। क्या इस बदली हुई महिला के साथ आप बदलने को, उसका साथ देने को तैयार हैं? यह सवाल हम आप सबके सामने रख रहे हैं। सवाल इरादे का भी है, तरीके का भी। कैसे होगा यह सब?